
अजमेर विकास प्राधिकरण
अजमेर शहर की प्रमुख सडक़ शास्त्री नगर-जनाना अस्पताल के द्वितीय चरण में फोरलेन किए जाने पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। सडक़ का मालिकाना हक रखने वाले सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) तथा सडक़ के फोरलेन का काम कर रहे अजमेर विकास प्राधिकरण(एडीए) सडक़ को लेकर आपस में ही उलझ रहें है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी इस सडक़ को ही एडीए को हस्तांरित कर पल्ला झाडऩे में जुटे हैं। इसके लिए पीडब्ल्यूडी अधीक्षण अभियंता अविनाश शर्मा ने एडीए आयुक्त को पत्र भी लिख दिया है। वहीं एडीए सचिव इंद्रजीत सिंह ने पीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव को खारिज कर करते हुए फोरलेन के काम बंद कर टेंडर निरस्त करने की चेतावनी दे दी है। पीडब्ल्यूडी ने शास्त्री नगर पुलिस चौकी से लोहागल ग्राम तक सडक़ चौड़ी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के लिए के वन विभाग को ऑनलाइन आवेदन किया है। अब पीडब्ल्यूडी ने एडीए आयुक्त को पत्र लिखकर कर कहा है कि यह सडक़ एडीए ही संभाले। विभाग ने इसके लिए तर्क दिया है कि 2 जुलाई को उपवन संरक्षक के कक्ष में हुई बैठक में उप वनसंरक्षक ने निर्देश दिए थे कि जिस विभाग द्वारा निर्माण कार्य करवाया जा रहा है उसे विभाग द्वारा वन विभाग से अदेयता प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया अपनाई जानी है।
यूजर एजेंसी है पीडब्ल्यूडी
सडक़ का मालिकाना हक पीडब्ल्यूडी का है। एडीए ने जनहित में पीडब्ल्यूडी की एनओसी के बाद फोरलेन तथा डिवाइडर व लाइटिंग का का काम दो साल पूर्व शुरु किया था। पहला चरण पूरा हो चुका है जबकि दूसरा चरण राजकीय विद्यालय लोहगल से पुलिस चौकी शास्त्री नगर तक शुरु होना है। वन संरक्षण अधिनियम के तहत सामान्य स्वीकृति के तहत धारा-2 में वन विभाग की 0.965 हेक्टेयर भूमि के प्रत्यावर्तन की कार्यवाही पीडब्ल्यूडी द्वारा ही की जानी है। यूजर एजेंसी पीडब्ल्यूडी है जबकि कार्यकारी एजेंसी एडीए है। जिस विभाग की सम्पत्ति है उसी विभाग द्वारा प्रत्यावर्तन की कार्याही की जाएगी। इसलिए वन विभाग के प्रश्नों का उत्तर पीडब्ल्यूडी ही दे।
वन विभाग ने अटका रखा है काम
यह सडक़ अजमेर की मुख्य सडक़ (एमडीआर) है। इस सडक़ पर राजस्थान सरकार के मुख्य विभाग एवं संस्थान हैं। जिनमें प्रमुख रूप से जनाना अस्पताल,आईजी स्टाम्प, निजी कॉलेज व आईआईटी स्थापित हैं। यह मुख्य सडक़ एनएच 79 से जड़ती है। इससे नागौर,बीकानेर,जयपुर व सीकर के लिए सीधे ही जाया जा सकता है। प्राधिकरण ने प्रथम चरण में लोहागल गांव से जनाना अस्पताल तिराहे तक सडक़ को फोरलेन करते हुए डिवाईड बनाया है तथा सडक़ पर लाइटें भी लगाई हैं। दूसरे चरण के लिए एडीए ने तीन करोड़ के टेंडर जारी किए हैं। लेकिन वन विभाग के कारण लम्बे समय से काम अटका हुआ है।
Published on:
08 Jul 2019 03:02 am
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