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ब्यावर के दर्दनाक हादसे की कहानी, जानें इन लोगों ने जुबानी

नंदनगर में कुमावत समाज के जिस पंचायत भवन में शहनाइयां गूंजनी थी, वहां आस-पास मात पसरा है।

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Rajasthan Beawar Cylinder Blast

Beawar Cylinder Blast

ब्यावर। नंदनगर में कुमावत समाज के जिस पंचायत भवन में शहनाइयां गूंजनी थी, वहां आस—पास मात पसरा है। गाजे— बाजे और डीजे की धुन की बजाय जेसीबी मशीन की घरघराहट के साथ मलवा हटाने की आवाज रह—रह कर सुनाई दे रही है। यहां से बारात निकलते हुए देखने की बजाया आस—पास के लोग मलबे में से एक—एक कर शव निकलते देख कर बिलखते नजर आ रहे हैं। हर कोई यह प्रार्थना कर रहा है कि कोई करिशमा हो जाए और मलबे में दबे लोग जिंदा निकल जाएं...घायल सही सलामत घर आ जाएं... आइंदा इस तरह का दर्दनाक हादसा किसी के घर में नहीं हो। साथ ही इस हादसे को देखकर लोगों ने यह संकल्प भी लिया है कि कभी रिफरिंग जैसा कार्य नहीं करेंगे।

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...और वह पलंग से उछल पड़ी
पंचायत भवन के सामने की तरफ रहने वाली 60 वर्षीय गंगादेवी के घर में शुक्रवार शाम करीब 6 बजे सब कुछ सामान्य था। वह अपने पलंग पर बैठी थी कि अचानक तेज धमाका हुआ और वह उछल गई। घबराकर घर के बाकी लोगों के साथ बाहर आई तो दृश्य देख कर दिल बैठ गया। एक सिलेंडर सामने वाले घर की तरफ उछल कर आया था। एक महिला अपने घर से छलांग लगा चुकी थी जबकि दो महिलाएं और एक पुरुष बुरी तरफ से झुलसे हुए थे। पंचायत भवन में मलबा बिखरा हुआ था, मकानों की खिड़कियों टूटी हुई दिखी और लोगों की चीख पुकार सुनाई दे रही थी।

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टूट गया टीवी, दीवारों में दरारें
पंचायत भवन के सामने रहने वाली कैली देवी ने बताया कि धमाके के साथ ही वह सभी घर के बाहर भागे। बाहर का मंजर देख कर दिल घबरा उठा। चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ था। आस—पास के मकानों के साथ हमारे घर की दीवारों का भी मलबा गिरा और टीवी, खिड़कियां आदि टूट गई।

अंदर हरते तो मर जाते
पंचायत भवन के बिल्कुल सट कर रहनी वाली वाली सुगना देवी अपने घर की तरफ देखती है तो आंखे बंद होने लगती है। हादसे का दर्दनाक मंजर सुनाई हुए वह बताती है कि धमाके साथ ही उसकी पोती और बहू बेहोश हो गई। बदहवास अवस्था में वह कुछ और समझ ही नहीं पा रही थी लेकिन अपने आप को तुरंत संभाला और पोती और बहू को अस्पताल पहुंचाया। सुगना का मकान भी गिरा दिया गया है। उनका कहना है कि हम बाहर सुरक्षित हैं, अंदर होते तो हमारा मकान कभी गिर सकता था।

बदहवास दूल्हे का मामा
पीपाड़सिटी निवासी दूल्हे के मामा नंदकिशोर को जब से हादसे की सूचना मिली है, वह तुंरत यहां पहुंचे और मलबे में दबे अपने लोगों को देख बदहवास हो गए। आंखों से आंसू लिए वह बार—बार यही कह रहे है जो भी मलबे में दबे हुए लोग है उन्हें जल्दी से बाहर निकालो। उन्होंने बताया कि वह जोधपुर गए हुए थे, हादसे में उनके छोटे भाई की मौत हो गई। अन्य की तलाश चल रही है।


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