28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Request: सेनेटाइजेशन और समुचित बंदोबस्त के बाद खुलें कॉलेज

हॉस्टल, कैंटीन, पुस्तकालय, खेल मैदान के बारे में भी निर्देश जारी होने चाहिए।

2 min read
Google source verification
safety in colleges

safety in colleges

अजमेर.

राजस्थान विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने परीक्षा एवं पढ़ाई के लिए कॉलेज खोलने से पूर्व सेनेटाइजेशन और अन्य इंतजाम करने की मांग की है। संघ ने राज्यपाल एवं समस्त कुलपतियों को पत्र भेजा है।

प्रदेशाध्यक्ष डॉ दिग्विजय सिंह शेखावत ने बताया कि सरकार नेे 16 जून उच्च शिक्षा संस्थानों को प्रवेश नवीनीकरण के लिए खोलने और जुलाई के दूसरे सप्ताह में परीक्षा कराएं कराने का फैसला किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना संक्रमण बढऩे की बात कही है। प्रदेश महामंत्री डॉ नारायण लाल गुप्ता ने बताया कि कई कॉलेज पंचायत भवन एवं स्कूल में संचालित हैं। इनमें पानी, वेंटीलेशन के इंतजाम नहीं है। सभी कॉलेज में सैनिटाइजिंग व्यवस्था जरूरी है।

Read More: Water Crisis: पानी के चक्कर में भूले सोशल डिस्टेंस

सुरक्षा का रखें ध्यान
हॉस्टल, कैंटीन, पुस्तकालय, खेल मैदान के बारे में भी निर्देश जारी होने चाहिए। बकाया परीक्षाओं को तीन के बजाय दो पारियों में कराने, प्रश्न पत्र 3 घंटे के स्थान पर एक या दो घंटे में कराने, प्रायोगिक परीक्षाएं सैद्धांतिक आधार पर कराने जैसे नवाचार किए जा सकते हैं। स्टाफ सदस्यों एवं विद्यार्थियों से कंटेंन्मेंट जोन में आने, कोरोना से संक्रमित या किसी गंभीर रोग से पीडि़त होने का शपथ पत्र भराया जाना चाहिए।

Read More:Ajmer News : दरगाह पूरी तरह से ही खोलें, अन्यथा नहीं

सीबीएसई की परीक्षाओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

अजमेर. सीबीएसई की बारहवीं और दिल्ली रीजन की 1 से 15 जुलाई तक कराई जाने वाली परीक्षाओं का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कुछ अभिभावकों ने कोरोना संक्रमण फैलने के चलते परीक्षाओं पर रोक लगाने और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर विद्यार्थियों को अंक देने की मांग की है।

सीबीएसई ने बारहवीं के 29 विषयों और दिल्ली रीजन की दसवीं के बकाया पेपर 1 से 15 जुलाई तक कराने का फैसला किया है। इसके टाइम टेबल जारी हो गए हैं। विद्यार्थियों को गृह जिले में होम स्कूल में परीक्षा देने की सुविधा दी गई है। बोर्ड के परीक्षा लेने के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों के अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।