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कायम की अनूठी मिसाल: गाय ने जन्मा बछड़ा, पूजन कर नामकरण संस्कार किया, इस तरह मनाया जश्न

आज के समय में जहां कई लोग गाय के बछड़ा होने पर उसे अनुपयोगी मानते हुए जंगल में छोड़ देते हैं अथवा कांजी हाउस में भेज देते हैं, वहीं सेना के सेवानिवृत्त सूबेदार जे. आर. गुर्जर और उनके परिवार ने अनूठी मिसाल कायम की। मंत्रोच्चार से पूजन कर किया नामकरण, परम्परागत वितरित की प्रसादी

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अजमेर. आज के समय में जहां कई लोग गाय के बछड़ा होने पर उसे अनुपयोगी मानते हुए जंगल में छोड़ देते हैं अथवा कांजी हाउस में भेज देते हैं, वहीं सेना के सेवानिवृत्त सूबेदार जे. आर. गुर्जर और उनके परिवार ने अनूठी मिसाल कायम की। गुर्जर परिवार ने गाय के बछड़ा होने पर उसका मंत्रोच्चार से पूजन कर नामकरण संस्कार किया। परिवार ने बछड़े को साथ रखने का संकल्प भी लिया।

महाराणा प्रताप नगर कोटड़ा निवासी गुर्जर की गाय ने 5 दिन पूर्व बछड़े को जन्म दिया। रविवार को पुरोहित ने मंत्रोच्चार से गाय-बछड़े का तिलक लगाकर पूजन कराया। घर में बाकायदा हवन किया गया। बछड़े को तिलक लगाकर कर कृष्णा नाम दिया गया। साथ ही परम्परानुसार प्रसादी वितरित की गई।

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...ताकि लोग समझें महत्ता
सोनिया और पूजा गुर्जर ने बताया कि आमतौर पर पशुपालक गाय के बछिया होने पर उसे घर में रखते हैं और बछड़ा होने पर उसे कांजी हाउस अथवा जंगल में लावारिस छोड़ देते हैं। उनके परिवार ने बछड़े के जन्म पर उसका लालन-पालन करने का फैसला किया है। इसका गाय के समान ही ध्यान रखा जाएगा।

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सृमद्धि बढ़ाता गोवंश
सेवानिवृत्त सूबेदार गुर्जर ने बताया कि अनादिकाल से गोवंश की महत्ता का वर्णन है। हमारे देश में गोवंश सदैव समृद्धिदायक रहा है। बछड़ा भी बछिया के समान भाग्यशाली होता है। लोगों को पशुपालन, गोबर तथा गोमूत्र का महत्व समझना चाहिए।