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Revenue Loss: बर्बाद हो रहा अजमेर का नायाब सम्राट अशोक उद्यान

Revenue Loss: तीन साल पहले ट्रेफिक पार्क का निर्माण कराया गया। इसका मकसद युवाओं और बच्चों को ट्रेफिक नियमों की जानकारी देना था। पर यह प्रयोग भी उद्यान की किस्मत नहीं बदल पाया है।

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smrat ashok garden

smrat ashok garden

रक्तिम तिवारी/एन.डी.खान

जयपुर-अजमेर रोड पर निर्मित सम्राट अशोक उद्यान (samrat ashok garden)साल दर साल बर्बाद हो रहा है। कांग्रेस की पिछली सरकार में करीब 18 साल पहले बना उद्यान गुलजार नहीं हो पाया है। यहां लोगों के आकर्षण के लिए ऐसा कोई माध्यम नहीं है। पूरा उद्यान उजाड़ बनता जा रहा है। सरकार, अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) और जिला प्रशासन (district administation) ने उद्यान की सुध लेना मुनासिब नहीं समझा है।

कांग्रेस के वर्ष 2000-01 में जयपुर-अजमेर रोड पर सम्राट अशोक उद्यान का निर्माण कराया गया था। शुरुआती दौर में उद्यान में पेड़-पौधों के साथ टॉय ट्रेन (TOY TRAIN), झूले, फाउन्टेन (fountain) के अलावा कैंटीन बनाई गई थी। आसपास के लोग यहां सैर-सपाटे (WALK) के लिए आते थे। धीरे-धीरे उद्यान की चमक खत्म होती चली गई। भाजपा राज में यहां तीन साल पहले ट्रेफिक पार्क का निर्माण कराया गया। इसका मकसद युवाओं और बच्चों को ट्रेफिक नियमों की जानकारी देना था। पर यह प्रयोग भी उद्यान की किस्मत नहीं बदल पाया है।

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बढ़ रही है खरपतवार
पूरे उद्यान में पेड़-पौधों के साथ बेतरतबीत खरपतवार बढ़ रही है। इनकी कटाई भी नहीं हो रही। हैज भी अंदरूनी सडक़ों तक फैल चुकी है। पूरे उद्यान में स्वच्छता (cleaning )नजर नहीं आती है। जगह-जगह जंगली पौधे (wild plants) और कचरा (garbage) फैला हुआ है। बच्चों के लिए लगे झूले, फिसलपट्टी और इनके आसपास भी घास और पौधे उग चुके हैं।

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केवल एक बार देखते हैं उद्यान
उद्यान में बने ट्रेफिक पार्क (traffic park) के दर्शन विद्यार्थी, युवा और आमजन सिर्फ साल में एक बार करते हैं। यातायात सप्ताह के दौरान ही जिला प्रशासन, परिवहन विभाग (transport dept) स्कूली विद्यार्थियों को यहां लाते हैं। इसके अलावा ट्रेफिक पार्क कोई देखने नहीं आता। भूले-भटके कोई पहुंच जाए तो यहां पेयजल (drinking water)की व्यवस्था नहीं है। ट्रेफिक पार्क के लिए लगे संकेत और बोर्ड के कलर-पेंट भी हटने लगे हैं।

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टूटे और गंदे शौचालय
उद्यान में आगंतुकों, विद्यार्थियों, युवाओं के लिए शौचालय (toilets) बने हुए हैं। लेकिन इनकी स्थिति दयनीय है। शौचालयों में गंदगी की भरमार है। छतों-दीवारों से जगह-जगह प्लास्टर (wall plaster) गिर रहा है। टॉयलेट के आसपास बिजली के बॉक्स और तार खुले पड़े हैं। बरसात के दौरान यहां करंट आने की संभावना बनी हुई है।

डम्प यार्ड बनाया उद्यान को
उद्यान के आधे हिस्से को प्रशासन ने डम्प यार्ड (dumping yard) में तब्दील कर दिया है। शहर से उतरने वाले होर्डिंग, मलबा और अन्य सामग्री यहां रखी देखी जा सकती है। इन होर्डिंग और सामान में भी जंग लग चुका है। निर्माण सामग्री और मिट्टी भी यहीं पड़ी हुई है। एडीए ने यहां सुरक्षा के लिए तीन कार्मिकों की नियुक्ति की है। यह अलग-अलगर पारी में ड्यूटी अंजाम देते हैं।


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