
rpsc members
रक्तिम तिवारी/अजमेर.
राजस्थान लोक सेवा आयोग (rpsc ajmer) में सदस्यों के चार पद रिक्त हैं। नए सदस्यों की नियुक्ति अब तक नहीं हुई। अलबत्ता सरकार (govt of rajasthan) और अध्यक्ष (chairman) की सदस्यों की नियुक्ति फार्मूले को लेकर चर्चा जरूर हुई है।
वर्ष 1949 में राजस्थान लोक सेवा आयोग सेवा का गठन किया गया था। इसका कार्य निर्धारण राजस्थान लोक सेवा आयोग नियम एवं शर्तें 1963, राजस्थान लोक सेवा आयोग ( शर्तें एवं प्रक्रिया का मान्यकरण अध्यादेश -1975, नियम-1976) के तहत हुआ है। आयोग (rpsc) में शुरुआत से अध्यक्ष (chairman) सहित पांच सदस्य (five members) होते थे। कांग्रेस सरकार ने पिछले कार्यकाल (2013) में दो सदस्यों की संख्या बढ़ा दी थी। इससे आयोग सात सदस्यीय (seven members) हो गया है।
साक्षात्कार-कामकाज में दिक्कतें
आयोग में बीते 12 अप्रेल को डॉ. आर. डी. सैनी (dr. r.d. saini)और 18 जून को डॉ. के. आर. बगडिय़ा (k.r. bagaria) और सुरजीतलाल मीना (s.l.meena) का कार्यकाल खत्म हुआ था। इनके अलावा चौथे सदस्य का पद छह साल से रिक्त है। मौजूदा वक्त यहां अध्यक्ष दीपक उप्रेती (deepak upreti) के अलावा भाजपा (bjp) के कार्यकाल में नियुक्त डॉ. शिवसिंह राठौड़ (shiv singh rathore), राजकुमारी गुर्जर (raj kumari gurjar) और रामूराम राइका (ramuram raika) ही सदस्य रह गए हैं। आयोग में विभिन्न भर्तियों के साक्षात्कार (interview) जारी हैं। ऐसे में अध्यक्ष को भी लगातार साक्षात्कार बोर्ड (exams) में बैठना पड़ रहा है। कई अहम कार्यों का बोझ भी मौजूदा सदस्यों पर है।
नियुक्ति फार्मूले पर हुई चर्चा
आयोग में सदस्यों की नियुक्ति फार्मूले पर अध्यक्ष और सरकार की चर्चा (discussion) हुई है। नियमानुसार आयोग में 50 प्रतिशत सदस्य प्रशासनिक सेवा (administrative services) और 50 प्रतिशत गैर प्रशासनिक सेवा वर्ग (non administrative services) से ही बनाए जा सकते हैं। मौजूदा वक्त डॉ. शिवसिंह राठौड़ और राजकुमारी गुर्जर गैर प्रशासनिक कोटे से सदस्य हैं। ऐसे में आयोग में गैर प्रशासनिक सेवा का केवल एक सदस्य और प्रशाससिन सेवा के तीन सदस्य नियुक्ति किए जा सकते हैं। यह फार्मूला संघ लोक सेवा आयोग और सभी अन्य प्रांतों के आयोग में लागू है।
Published on:
01 Sept 2019 12:58 pm
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