निरीक्षक (एसीबी एसयूआई) हेमन्त वर्मा ने बताया कि अजमेर आरटीओ कार्यालय में चालान शाखा में कार्यरत संविदाकर्मी श्रवण कुमार दिल्ली की ट्रांसपोर्ट कम्पनी के ट्रक के ब्लैक लिस्ट करने की धमकी देकर चालान के 6 हजार रुपए के अलावा खर्च की मांग कर रहा था। इसकी शिकायत कम्पनी के सुपरवाइजर पूरणसिंह ने जयपुर एसीबी से की। एसीबी ने शिकायत सत्यापन के बाद शाम को अजमेर आरटीओ कार्यालय में छापा मारा। टीम ने श्रवण कुमार को 1500 रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।
कार्रवाई की सुनते ही अफसर हो गए रवाना, फोन किए बंद प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में संविदाकर्मी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने पर हडक़ंप मच गया। कार्रवाई की जानकारी मिलते ही कई अधिकारी वहां से रवाना हो गए। कुछ ने फोन बंद कर लिए और शाम तक कुछ ने देर शाम तक फोन रिसीव नहीं किए।।
प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में जयपुर एसीबी स्पेश यूनिट ने बुधवार को दोपहर 3.15 बजे करीब संविदाकर्मी श्रवण कुमार को रिश्वत लेते पकड़ा। इसकी जानकारी मिलते ही अधिकांश अधिकारी कार्यालय से चलते बने। कार्यालय परिसर में सन्नाटा पसर गया और नाममात्र के कर्मचारी दिखाई दिए। कार्यालय में अमूमन दिखाई देने वाले बिचौलिये भी वहां से रफूचक्कर हो गए।
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RRB- अब नए साल में होगी सवा करोड़ अभ्यर्थियों की परीक्षा 15 से अधिक गार्ड के रूप में कार्यरत परिवहन कार्यालय में 15 से अधिक भूतपूर्व सैनिक, संविदाकर्मी आदि कार्यरत है। यह फ्लाइंग में, ऑफिस कार्य आदि में कार्यरत है। इसमें मुख्य बात यह है कि यहां पर कई पूर्वसैनिक व संविदाकर्मी वर्षो से जमे हुए है। उन्हें ही बार-बार रिन्यू कर दिया जाता है। इसके कारण वह वर्षो से वहीं पर जमें हुए है। खुल सकते है बड़े नाम
रिश्वत लेते पकड़े गए संविदाकर्मी श्रवण कुमार ने ट्रांसपोर्ट कम्पनी को ब्लैक लिस्ट में से हटाने की एवज में 1500 रुपए की रिश्वत मांगी थी। ऐसे में सवाल यह है कि संविदाकर्मी किसी अधिकारी और कर्मचारी की शह के बिना रिश्वत की मांग नहीं कर सकता है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि एसीबी की कार्रवाई में कई नाम और सामने आ सकते हैं।
रिश्वत लेते पकड़े गए संविदाकर्मी श्रवण कुमार ने ट्रांसपोर्ट कम्पनी को ब्लैक लिस्ट में से हटाने की एवज में 1500 रुपए की रिश्वत मांगी थी। ऐसे में सवाल यह है कि संविदाकर्मी किसी अधिकारी और कर्मचारी की शह के बिना रिश्वत की मांग नहीं कर सकता है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि एसीबी की कार्रवाई में कई नाम और सामने आ सकते हैं।