
किशनगढ़ के यज्ञनारायण अस्पताल में मोर्चरी के बाहर मौजूद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशन सिंह व अन्य।
अजमेर. सीमा सुरक्षा बल के जवान प्रधान गुर्जर हत्याकांड में पुलिस जल्द ही हत्यारों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। दो दिन के घटनाक्रम के तथ्य जुटाकर हत्या का राजपाश खोलने में पुलिस टीम सक्रिय है। वैसे जांच की सुई जितेन्द्र पर टिकी हुई है। पुलिस जितेन्द्र का पता लगाने में जुटी है। जितेन्द्र शुरू से ही प्रधान के साथ था, लेकिन उसका कुछ पता नहीं लगा है। बुधवार सुबह से उसका मोबाइल भी बंद है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण किशन सिंह की मानें तो हत्यारे अधिक समय तक पुलिस के चगुंल से बच नहीं पाएंगे। मामले की जांच की जा रही है। कुछ अहम सुराग मिले हैं। उस आधार पर पड़ताल की जा रही है। परिणाम जल्द सामने आ जाएंगे।
कार में बैठे दो जने कौन थे
प्रधान गुर्जर अपने भतीजे जीतू गुर्जर के साथ गांव से अजमेर गया था। वहां उसने डिफेन्स अकेडमी में भर्ती अपने भाइयों से मुलाकात की। इस दौरान प्रधान और जीतू तो अकेडमी के अंदर चले गए, लेकिन दो जने गाड़ी में ही बैठे रहे। अकेडमी में जब चाय बनाई तो शंकर थाकण ने बाहर गाड़ी में बैठे लोगों को भी अंदर लाकर चाय पीने को कहा, लेकिन वे नहीं आए। दो कप चाय गाड़ी में ही दी गई।
जीतू की पुलिस को तलाश
पुलिस प्रधान गुर्जर के भतीजे की तलाश में जुटी हुई है। कॉल ट्रेस के दौरान जीतू का मोबाइल सुबह साढ़े आठ बजे तक ऑन मिला। उसकी आखरी लोकेशन सावरदा क्षेत्र में आई है। इसके बाद जीतू का मोबाइल बंद है। संभावित स्थानों पर भी वह नहीं पहुंचा। उधर जीतू के नहीं मिलने से परिजन आशंकित है।
प्रधान के मोबाइल पर बार-बार किसकी घंटी
अकेडमी में बैठे रहने के दौरान प्रधान के फोन पर बार-बार फोन आ रहा था। उसने कहा कि जल्दी जाना है। फिर आऊंगा। इसके बाद वे वहां से चले गए।
दरगाह-पुष्कर भी घूमे
अपने भाइयों से मिलने के पहले प्रधान गुर्जर और उसके साथ के लोग अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह और तीर्थराज पुष्कर भी गए। आखिर ऐसी कौन सी वजह बन गई कि जवान की हत्या तक कर दी गई।
हत्यारों की चालाकी नहीं आई काम
सीमा सुरक्षा बल के जवान प्रधान गुर्जर की हत्या सुनोयोजित ढंग से की गई। पहचान छिपाने के लिए उन्होंने मृतक के चेहरे को भी बिगाड़ा। हत्यारों ने लाख को कार के पिछले हिस्से में छुपा दिया तथा लाश को कहीं सुनसान जगह ठिकाने लगाने का इरादा था, लेकिन प्रकृति उनके आड़े गई। इसके चलते गाड़ी कीचड़ में फंस गई।
कीचड़ ने रोकी कार
सीसुब के जवान प्रधान गुर्जर की हत्या के बाद हत्यारे उसकी लाश को ठिकाने लगाना चाहते थे। उन्होंने सुनियोजित तरीके से हत्या तो कर दी, लेकिन लाश ठिकाने नहीं लगा सके। हत्यारों ने सीसुब के जवान प्रधान की हत्या कर लाश को कार में पीछे के हिस्से में छिपा दिया। वह लाश को ठिकाने लगाने जा रहे थे, लेकिन तिलोनियां में तालाब के पास कीचड़ में कार फंस गई। लाख कोशिशों में बाद भी जब गाड़ी नहीं निकली तो हमलावर गाड़ी को मौके पर ही छोडक़र भाग गए।
मोबाइल खोलेगा राज
प्रधान गुर्जर हत्याकांड के राज खोलने में मोबाइल कॉल डिटेल का बड़ा रोल रहेगा। पुलिस मृतक प्रधान और जीतू के मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है। प्रधान के पास भूणाबाय में बार-बार किसी का फोन आ रहा था। वह उसे जल्दी बुला रहा था। इस बात का जिक्र अकेडमी संचालक ने भी किया।
टोल नाके के कैमरे में दिखी कार : पुलिस ने बुधवार को जीवीके टोल नाके की सीसीटीवी फुटेज खंगाली। इस फुटेज में मंगलवार सुबह अजमेर की ओर जाते हुए दिखी।
Published on:
12 Sept 2019 07:30 am
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