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अजमेर
शैक्षिक सत्र प्रारंभ हुए 43 दिन बीत चुके हैं। इसके बावजूद सरकारी और निजी कॉलेज (colleges) एवं महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) में अधिकांश विद्यार्थियों के आईकार्ड (I-Card) नहीं बन पाए हैं। कई संस्थाओं में स्नातकोत्तर कक्षाओं में दाखिले (admission) जारी हैं। या तो संस्थाओं को 13 दिन में आईकार्ड बनाने होंगे। ऐसा नहीं हुआ तो फीस रसीद (fees reciept) या वैध फोटो पहचान पत्र (photo i-card) से विद्यार्थी वोट दे सकेंगे।
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सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, राजकीय कन्या महाविद्यालय, दयानंद कॉलेज, संस्कृत कॉलेज, श्रमजीवी कॉलेज और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव (chatr sangh chunav) 27 अगस्त को होंगे। सत्र 2019-20 के तहत स्नातकोत्तर कक्षाओं में दाखिले जारी हैं। सभी संस्थाओं को संकायवार और कक्षावार मतदाता सूची (votres list) 19 अगस्त को जारी करनी है। इसकी तैयारियों में संस्थाएं जुटी हुई हैं।
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नहीं बन पाए आईकार्ड
शहर सहित जिले के अधिकांश सरकारी और निजी कॉलेज एवं महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के आईकार्ड (I-Card) नहीं बन पाए हैं। ऐसा तब है जबकि छात्रचुनाव (students union election 2019) के महज 13 दिन बचे हैं। शैक्षिक सत्र 2019-20 की शुरुआत के 43 दिन भी बीत गए हैं। नियमानुसार स्नातक (U.G.) और स्नातकोत्तर कक्षाओं (P.G.)में प्रवेश होने के साथ-साथ विद्यार्थियों के आईकार्ड भी बनने चाहिए। ताकि विद्यार्थियों (students) को समय रहते आईकार्ड मिल जाएं। इससे संस्थाओं पर कामकाज का दबाव नहीं रहता है।
नामांकन के वक्त देखेंगे कार्ड-रसीद
छात्रसंघ चुनाव के लिए प्रत्याशी 22 अगस्त को सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक नामांकन (election nomination) करेंगे। कॉलेज और विश्वविद्यालय तक ढोल-ढमाकों के साथ पहुंचेंगे। प्रत्याशी वाहन रैली निकालने के अलावा शक्ति प्रदर्शन (power show) भी करेंगे। हालांकि नामांकन के दौरान कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसर (campus) में सिर्फ प्रत्याशियों (candidates) और उनके समर्थकों को ही अंदर जाने की अनुमति मिलती है, लेकिन इस दौरान संस्थानों को आईकार्ड या रसीद देखनी जरूरी होगी। साफ तौर पर संस्थाओं को महज 10 दिन में सभी विद्यार्थियों के आईकार्ड बनाकर बांटने होंगे।
मामला दर्ज हुआ तो बढ़ेगी दिक्कतें
जे. एम. लिंगदोह कमेटी (J.M.Ligdoh committee) की सिफारिशों के अनुसार शहर की दीवारों पर पोस्टर (poster), बैनर (banner), होर्डिंग (hording) लगाने पर पाबंदी है। इसके बावजूद कई छात्र-छात्राओं ने प्रिन्टेड मैटर, पोस्टर, बैनर, पेम्पलेट चिपकाए हैं। फिलहाल नगर निगम (nagar nigam)ने इनके खिलाफ सम्पत्ति विरुपण अधिनियम के तहत मामले दर्ज नहीं कराए हैं। ऐसा हुआ तो छात्र-छात्राओं के नामांकन करने पर दिक्कतें बढ़ सकती हैं।

Published on:
13 Aug 2019 07:44 am
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