scriptJEE Mains: भावी इंजीनियर्स हैं तैयार, भरे जेईई मेन्स एग्जाम के फार्म | Students fill JEE Mains form, exam conduct in 2019 | Patrika News

JEE Mains: भावी इंजीनियर्स हैं तैयार, भरे जेईई मेन्स एग्जाम के फार्म

locationअजमेरPublished: Sep 30, 2018 06:25:10 pm

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

jee mains 2019

jee mains 2019

अजमेर.

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के तत्वावधान में अगले साल दो चरणों में जेईई मेन्स परीक्षा का आयोजन होगा। प्रथम चरण की परीक्षा के लिए विद्यार्थियों ने ऑनलाइन फार्म भर दिए हैं।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के तत्वावधान में अगले साल दो चरणों में जेईई मेन्स की परीक्षा होगी। प्रथम चरण की परीक्षा के ऑनलाइन फार्म 30 सितम्बर तक भरे जा चुके हैं। पूरे देश में करीब 5 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने फार्म भरे हैं। प्नेट बैंकिंग/डेबिट-क्रेडिट कार्ड से फीस भी जमा हो गई है। परीक्षा 6 से 20 जनवरी के बीच कराई जाएगी।
द्वितीय चरण का आवेदन कार्यक्रम

ऑनलाइन फार्म भरने की तिथि-8 फरवरी से 7 मार्च तक
नेट बैंकिंग/डेबिट-क्रेडिट कार्ड से फीस-8 मार्च
परीक्षा तिथि- 6 से 20 अप्रेल के बीच

गर्मी बढ़ाएगी पौधों की परेशानी
बरसात के दौरान लगाए पौधों पर अब खतरा मंडरा रहा है। वन विभाग ने पौधे तो लगवा दिए लेकिन पर्याप्त बरसात नहीं होने पानी का संकट खड़ा हो गया है। तापमान और धूप में तेजी बनी हुई है। ऐसे में पौधों को नुकसान पहुंच सकता है।
वन विभाग प्रतिवर्ष मानसून (जुलाई, अगस्त और सितम्बर) के दौरान अजमेर सहित किशनगढ़, ब्यावर, केकड़ी, पुष्कर, किशनगढ़ और अन्य वन क्षेत्रों में पौधरोपण कराता है। इनमें नीम, गुड़हल, बोगन वेलिया, अशोक, करंज और अन्य प्रजातियां शामिल हैं। यह पौधे अजमेर, ब्यावर, खरवा, पुष्कर और अन्य नर्सरी में पौधे तैयार कराए जाते हैं। इसके बाद वन क्षेत्रों में इन्हें लगाया जाता है।
कम बरसात से संकट
इस बार भी विभाग ने मानसून के दौरान स्वयं सेवी संस्थाओं, स्कूल, कॉलेज, स्काउट-गाइड, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों की सहायता से जिले में पौधरोपण कराया। बरसात होने तक पौधों को पानी मिल गया। लेकिन इस बार मानसून की स्थिति अगस्त में ही बिगड़ गई। 30 सितम्बर तक महज 355 मिलीमीटर बारिश हो सकी। इस साल का मानसून अब विदाई हो चुका है। जिन पौधों ने जड़े नहीं पकड़ी उन पर संकट मंडरा चुका है। वन क्षेत्र में लगने से वहां तक पानी का इंतजाम करना चुनौती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो