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9 महीने से अटक रही है ये घोषणा, पास हो तो इन 3 कॉलेजों को मिलेंगे 300 करोड़ रुपए, नए कोर्स, रिसर्च और कई फायदे

नौ महीने से वित्त, तकनीकी शिक्षा विभाग में इंस्टीट्यूट के गठन को लेकर बैठकों का दौर जारी है। नियमों, उपनियमों को तैयार करने के बाद विधि विभाग में भेजा गया है।

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राजस्थान में तीन इंजीनियरिंग कॉलेज को राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अपग्रेड करने की घोषणा नौ माह से अटकी है। एक्ट के लिए विधि विभाग से अनुमोदना को पत्रावली भेजी गई है। इंस्टीट्यूट बनने पर संस्थानों को 300 करोड़ रुपए, नए कोर्स, रिसर्च और अन्य फायदे होंगे।

सरकार ने 2024-25 के बजट में राज्य के अजमेर, बीकानेर और भरतपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की तरह राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बनाने की घोषणा की थी। इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंट्स एंड कंट्रोल, आईटी और ब्रांच संचालित हैं।

चलेंगे यह कोर्स (यूजी-पीजी लेवल)

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ओवर द टॉप (ओटीटी), इंटरनेट ऑफ थिंग्स-रिन्यूएल एनर्जी, ग्रीन एनर्जी, ऑटोनेट -स्मार्ट इंजीनियरिंग, स्मार्ट टेक्निकस, ग्राफिक्स मैकेनिज्म-क्लाउड कम्प्यूटिंग, डिजिटल टेक्निक्स, कंप्यूटर मैकेनिज्म-आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल व्हीकल, ई-कंजर्वेशन व अन्य।

अधिसूचना का इंतजार

नौ महीने से वित्त, तकनीकी शिक्षा विभाग में इंस्टीट्यूट के गठन को लेकर बैठकों का दौर जारी है। नियमों, उपनियमों को तैयार करने के बाद विधि विभाग में भेजा गया है। निदेशक समेत शैक्षिक-प्रशासनिक पद और मदवार बजट तय होना है। मौजूदा सरकार 19 फरवरी को दूसरा बजट पेश कर चुकी है, लेकिन इंस्टीट्यूट से जुड़ी अधिसूचना जारी नहीं हुई है।

फैक्ट फाइल

5 हजार से ज्यादा विद्यार्थी हैं तीन कॉलेज में

30 से अधिक यूजी ब्रांच हैं संचालित

20 से ज्यादा पीजी कोर्स संचालित

आरटीयू और बीटीयू से हैं सम्बद्ध

संस्थानों के विद्यार्थियों को विदेश में मिलेगी पहचान

शुरू होंगे नए कोर्स, शोध और प्रोजेक्ट

छात्र-छात्राओं के लिए बन सकेंगे नए हॉस्टल

बनेंगे हाइटेक रिसर्च लैब और क्लास रूम

राज्य स्तरीय कंप्यूटराइज्ड डाटा सेंटर

आईआईटी-एनएआईटी से एमओयू

आईआईटी और समकक्ष संस्थानों में कामकाज के अवसर

तकनीकी क्षेत्रों में बढ़ेगी कंसलटेंसी

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एक्ट में पत्रावली विधि विभाग को भेजी गई है। मुख्यमंत्री, वित्त और तकनीकी शिक्षा विभाग से अनुमोदना के बाद आदेश जारी होंगे।

डॉ. एच. एस. मेवाड़ा, संयुक्त सचिव, तकनीकी शिक्षा सचिव