
UGC New Decision : यूजीसी का नया फैसला। आयुर्वेद के प्राचीन विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी ने आयुर्वेद बायलॉजी विषय को नेट परीक्षा में शामिल किया है। अब राजस्थान में भी विद्यार्थी इस विषय का चयन कर सकेंगे। यूजीसी के इस फैसले से राजस्थान के छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर है। इसे शैक्षणिक और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। इसके बाद यूजीसी-नेट में अब 105 विषय हो गए हैं। यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार के अनुसार नेट परीक्षा में आयुर्वेद बायलॉजी विषय प्रारंभ होगा। इससे अभ्यर्थियों को आयुर्वेद के संस्कृत ग्रंथों पर शोध, प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान को समझने का अवसर मिलेगा। आयुर्वेद बायलॉजी में पीएचडी वाले स्नातकों को विश्वविद्यालयों में अनुसंधान और शिक्षण का मौका मिलेगा। प्राकृतिक और समग्र स्वास्थ्य को समझने में आसानी होगी। एलोपैथिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेद में भी शोध-अनुसंधान बढ़ेगा।
सचिव प्रो. मनीष आर. जोशी के अनुसार विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर बीती 25 जून को आयोजित यूजीसी की 581वीं बैठक में आयुर्वेद बायलॉजी विषय को शामिल करने को मंजूरी दी गई थी। इसका पाठ्यक्रम यूजीसी-नेट की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
अरबी, बंगाली, बोडो, हिंदी, अंग्रेजी, कॉमर्स, क्रिमिनोलॉजी, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, इतिहास, विज्ञान, शिक्षा, सामाजिक कार्य, रक्षा और सामरिक अध्ययन, गृह विज्ञान, लोक प्रशासन, जनसंया अध्ययन, संगीत, इलेक्ट्रॉनिक विज्ञान, फ्रेंच, जर्मन, गुजराती, मानवाधिकार और कर्त्तव्य, पुस्तकालय और सूचना विज्ञान, जनसंचार और पत्रकारिता, सामाजिक चिकित्सा और सामुदायिक स्वास्थ्य और अन्य।
Published on:
09 Nov 2024 02:32 pm
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
