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कोर्ट का न्याय: अलीगढ़ में अपहरण के बाद बच्चे की हत्या करने के 2 दोषियों को उम्रकैद, तीसरे के खिलाफ वारंट

ढाई साल के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या करने के मामले में दो आरोपियों को अलीगढ़ की अदालत ने दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर 27-27 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जबकि, तीसरे आरोपी के खिलाफ वारंट जारी किया है।  

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Life imprisonment for 2 convicted for murder child after kidnapping in Aligarh

अलीगढ़ की कोतवाली खैर क्षेत्र के गांव उसरम में 9 फरवरी 2018 को घर की दहलीज पर खेल रहा बच्चा अचानक गायब हुआ था। 18 फरवरी को उसका शव तालाब में मिला था। जिसके बाद पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर पांच आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था। पुलिस की ओर से अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई। जिसके बाद ढाई साल के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या करने के मामले में दो आरोपियों को अलीगढ़ जिला सत्र न्यायालय एडीजे-प्रथम मनोज कुमार अग्रवाल की बेंच ने दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर 27-27 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जबकि, तीसरे आरोपी को भी दोषी करार दिया है लेकिन, वह कोर्ट में हाजिर नहीं था। जिसके चलते उसकी सजा पर फैसला नहीं सुनाया गया। कोर्ट ने दोषी को 17 अक्टूबर को पेश होने का आदेश देते हुए उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। जबकि इसी मुकदमे के दो अन्य आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है।

खेलते हुए अचानक गायब हुआ बच्चा

अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी अमर सिंह तोमर का कहना है कि अलीगढ़ के गांव उसरम में 9 फरवरी 2018 को ढाई साल के बच्चे का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद बच्चे के पिता सोहन सिंह की तरफ से कोतवाली खैर में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमा दर्ज करने के लिए दी गई लिखित तहरीर में आरोप लगाया गया कि वह परिवार व बच्चों सहित एक रिश्तेदार के यहां शादी में शामिल होने के लिए गए थे। जब वह वहां से लौटे तो उनका बेटा कनिष्क अपने घर के दरवाजे पर खेल रहा था। जिसके कुछ देर बाद अचानक कनिष्क गायब हो गया। परिवार के लोगों ने ग्रामीणों की मदद से काफी खोजबीन की लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला। बच्चे के गायब होने के संबंध में पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और डॉग स्क्वाइड को सूचित कर घटनास्थल पर बुलाया।

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18 फरवरी को तालाब में मिला शव

जानकारी के मुताबिक, 18 फरवरी की सुबह गांव के बाहर बने तालाब में बच्चे का शव तैरता हुआ मिला था। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और तालाब से बच्चे का शव बाहर निकाला गया। बच्चे के सिर व गर्दन आदि पर चोट के निशान थे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस दौरान पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर गांव के राकेश, ओमप्रकाश और उमेश सहित थाना देहली गेट इलाके के जलालपुर निवासी राकेश के साले सुखराम और सूखा के अलावा थाना गभाना इलाके के गांव मोरना निवासी सुक्खा के रिश्तेदार पुष्पेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और पांचों लोगों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई थी। जबकि उमेश व ओमप्रकाश पर ढाई वर्षीय बच्चे के अपहरण एवं बाकी तीनों पर उसकी हत्या किए जाने का आरोप था। चार्जशीट के बाद अदालत में अपहरण और हत्या के मामले की सुनवाई शुरू हुई।

दोषियों पर 27-27 हजार रुपये जुर्माना

कोर्ट ने अदालत में पेश किए गए साक्ष्यों और गवाही के आधार पर उमेश व ओमप्रकाश को अपहरण करने के मामले में बरी कर दिया। जबकि राकेश, पुष्पेंद्र व सुखराम को बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या का दोषी करा दिया गया। इस दौरान सुखराम के कोर्ट में सजा सुनाए जाने के दौरान हाजिर न होने के कारण उसकी सजा के फैसले 17 अक्टूबर तक रोके जाने के साथ ही उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर उसके जमानतियों को वारंट जारी कर 18 अक्टूबर तक अदालत में पेश किए जाने का आदेश दिया गया। वहीं राकेश और पुष्पेंद्र को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के साथ ही दोनों दोषियों पर 27-27 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया है। अदालत द्वारा लगाए गए जुर्माने में 40 हजार रुपये पीड़ित पक्ष को देने के आदेश हुए हैं।

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