
file photo of Aligarh water crisis
अलीगढ़ पिछले कई सालों से स्मार्ट सिटी में शुमार है। लेकिन ये स्मार्ट सिटी अपने ही शहर के लोगों को सुविधाएं न देने के चलते पूरी तरह से बदहाल है। सरकार द्वारा लोगों की जिंदगी बचाने के लिए 2 बूंद जिंदगी मुहिम चलाकर दवा पिलाई जा रही है लेकिन ये दावे कई बार खोखले दिखाई पड़ते हैं, जब बूंद बूंद पानी के लिए स्मार्ट सिटी की जनता पिछले कई महीनों से तरस रही है। जी हाँ यही सच्चाई है उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की। जहां पीने का साफ पानी तक लोगों को नहीं मिल पा रहा है। अलीगढ़ को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अरबों रु पानी में हो बहा दिए गए लेकिन पीने के लिए पानी ही नहीं है। तो क्या करेंगे ऐसी स्मार्ट सिटी में रहकर? यही प्रश्न यहाँ की जनता करती नज़र आ रही है।
अलीगढ़ में पानी के लिए सब्र का बांध टूटने के बाद अब सैकड़ों की तादाद में महिलाएं, बच्चे सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। पिछले 1 सप्ताह से सरकार द्वारा गलियों में लगाए गए सरकारी हेड पंप पूरी तरह से बेकार पड़े हुए हैं। जबकि हफ्तों से नगर निगम के नलों में पानी नहीं आया है। आरोप है कि सरकारी नलों में अगर पानी आया है तो उसमें इतना दूषित पानी निकल रहा है कि, जो पानी पीने और नहाने के बिल्कुल भी लायक नहीं है। घरों में शौचालय जाने तक के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। शिकायत कई बार इलाके के लोगों द्वारा पार्षद समेत जिले के उच्च अधिकारियों से की गई। लेकिन उनके द्वारा की गई शिकायत के बावजूद भी उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं।
सड़कों पर उतरकर हंगामा, जाम लगा रही महिलाओं का यह नजारा उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ की तहसील कॉल क्षेत्र की कोतवाली बन्नादेवी इलाके के स्मार्ट सिटी के सराय हकीम क्षेत्र के मोहल्ला लक्ष्मी पुरी मोहल्ले का है।
अलीगढ़ स्मार्ट सिटी के लक्ष्मीपुर मोहल्ले में पिछले पांच दिनों से नगर निगम द्वारा दिए जाने वाले पानी की सप्लाई नहीं आ रही। सरकारी नलों में दूषित पानी आने और पिछले 5 दिनों से सरकारी नलों में पानी की एक बूंद की सप्लाई ना होने के चलते जाम लगाकर नगर निगम व नगर आयुक्त के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए।
Published on:
17 Sept 2022 12:03 pm
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