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Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन से लौटने के बाद प्रयागराज के छात्रों ने बताई दर्दनाक दास्तां, पढ़कर आँखों में आ जाएगा पानी

Russia Ukraine Conflict:यूक्रेन में फसे प्रयागराज के 22 छात्रों में से तीन छात्र 1 मार्च को देर रात सुरक्षित घर पहुंच गए हैं। तीनों छात्रों ने घर पहुंचकर परिजनों से दर्दनाक घटना बताई। किसी ने कहा कि यूक्रेन के लोग मदद कर रहे हैं तो किसी ने कहा कि बमबारी से लोग तबाह हो जा रहे हैं। तो किसी ने कहा कि मैं अपन आँखों के सामने मौत का मंजर देखा है। मेजा के रहने वाले दो छात्र, धूमनगंज की छात्र सुरक्षित अपने घर पहुंच गई है। अभी भी प्रयागराज के 22 छात्रों की जानकारी यूक्रेन में फसे रहने की मिली है।

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यूक्रेन से लौटने के बाद प्रयागराज छात्रों ने बताई दर्दनाक दास्तां, पढ़कर आँखों में आ जाएगा पानी

यूक्रेन से लौटने के बाद प्रयागराज छात्रों ने बताई दर्दनाक दास्तां, पढ़कर आँखों में आ जाएगा पानी

प्रयागराज: यूक्रेन में पढ़ाई के लिए गई थी धूमनगंज इलाके में पोंगहट के पास रहने वाली यशस्वी सोमवार रात फ्लाइट के जरिए लखनऊ पहुंचने के बाद कार में अपने घर पहुंची। उनकी मां ने आरती उतारकर स्वागत किया तो पिता भी गले लगाकर रो पड़े। बेटी को सुरक्षित देखकर परिजनों के आंखों में अंशू भर गया और गले लगाकर रोने लगे।बेटी को देखकर परिवार के लोगों की अब चिंता दूर हो चुकी है। माँ ने बेटी यशस्वी को पहले मिठाई फिर घर का तैयार स्वादिष्ट भोजन कराया गया। यशस्वी ने बताया कि पिछले तीन-चार रोज से खाना-पीना भी दूभर हो चुका था। अब घर पहुंच गईं हूँ लेकिन वहां का मंजर अभी आंखों में घूम रहा है।

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छात्रों की संख्या हो गई है 22, 3 की हुई वापसी

यूक्रेन में पढ़ाई करने गए जिले के छात्रों की संख्या आधिकारिक रूप से बढ़कर 22 हो गई है। यह संख्या अभी और बढेगी, धीरे धीरे इनकी सूचना सामने आ रही है। इनमें से सोमवार की देर रात एक छात्रा यशस्वी फ्लाइट से लखनऊ पहुंची और वहां से सड़क मार्ग से घर आई। जबकि मंगलवार की शाम मुंबई से फ्लाइट से दो छात्र वाराणसी पहुंचे और वहां से सड़क मार्ग से प्रयागराज आए। जबकि अभी भी यूक्रेन में छात्र अलग अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। वापस लौटने वालों में मुंडेरा बमरौली, साकेत नगर धूमनगंज व पंडुआ प्रतापपुर बारा के छात्र शामिल हैं। बच्चों के परदेश से वापस घर पहुंचने पर इनके परिजनों ने राहत की सांस ली है।

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जाने यूक्रेन से छात्रों ने परिजनों से क्या कहा

झूंसी की रहने वाली मेडिकल की छात्रा प्राची ने परिजनों को बताया कि यूक्रेन के लोग भी भारतीय छात्रों की मदद कर रहे हैं। प्राची ने बताया कि जिस कैब से 200 किलोमीटर सफर तय करने के बाद कीव पहुंची तो कैब वाले ने पैसा नहीं लिया और कहा कि आप सुरक्षित अपने वतन लौट जाए यहीं दुवा है।

धूमनगंज की रहने वाली दीक्षांत श्रीवास्तव ने बताया कि रविवार को वह बमबारी के बीच से गुजरते हुए लगभग 50 छात्र मांडवला बस स्टैंड से निकले हैं। एक हजार किलोमीटर का सफर पूरा करने के बाद मंगलवार को रोमानिया की राजधानी बुखरेस्ट पहुंच गए हैं। सफर तय करते समय यूक्रेन को तबाह होते आँखों के सामने देखा है। कई जानें भी चली गई है।