9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Allahabad High Court: जिलाधिकारी कौशांबी को जबरन सड़क बनाने के खिलाफ शिकायत तय करने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अधिग्रहण किये बगैर बिना सहमति भूमिधारी भूमि कैसे ली जा सकती है। इसी मुद्दे पर विचार करते हुए जिलाधिकारी कौशांबी को याची के प्रत्यावेदन को चार हफ्ते में तय करने का निर्देश दिया है और अगले पांच हफ्ते तक जमीन की यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है।

less than 1 minute read
Google source verification
Allahabad High Court: जिलाधिकारी कौशांबी को जबरन सड़क बनाने के खिलाफ शिकायत तय करने का निर्देश

Allahabad High Court: जिलाधिकारी कौशांबी को जबरन सड़क बनाने के खिलाफ शिकायत तय करने का निर्देश

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अधिग्रहण किये बगैर बिना सहमति भूमिधारी भूमि कैसे ली जा सकती है।
इसी मुद्दे पर विचार करते हुए जिलाधिकारी कौशांबी को याची के प्रत्यावेदन को चार हफ्ते में तय करने का निर्देश दिया है और अगले पांच हफ्ते तक जमीन की यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है।

यह भी पढ़ें: मुख्य न्यायाधीश से काजलिस्ट छापने व वितरित कराने का आदेश जारी करने की मांग

यह आदेश न्यायमूर्ति वी के बिड़ला तथा न्यायमूर्ति सौरभ लवनिया की खंडपीठ ने त्रिलोक नाथ सरोज की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आर एन यादव व अभिषेक कुमार यादव ने बहस की।इनका कहना था कि मंझनपुर तहसील के भकंदा उपरहार गांव में याची की भूमिधारी भूमि पर शासन जबरन सड़क बना रहा है।

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अध्यापिकाओं की तैनाती सख्त, जानिए वजह

न तो जमीन का बैनामा लिया गया है,न तो अधिग्रहण किया गया है और न ही याची की सहमति ली गई है। सरकार याची के संपत्ति के अनुच्छेद 300 के तहत मिले अधिकारों का उल्लघंन कर रही है।याची ने जिलाधिकारी को प्रत्यावेदन दिया है किन्तु उसपर निर्णय नहीं लिया गया और निर्माण कार्य शुरू किया गया है।जिसे चुनौती दी गई थी।

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परीक्षा केद्र दूर बनाए जाने पर कुलपति से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय प्रयागराज से संबद्ध महाविद्यालयों की छात्राओं के परीक्षा केंद्र दूरदराज इलाके में बनाने के विरुद्ध दाखिल याचिका पर विश्वविद्यालय के कुलपति से जवाब मांगा है।