
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पूर्व सांसद कपिल मुनि करविया मामले में सुनवाई टली, जानिए वजह
प्रयागराज: पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याची के अधिवक्ता के आग्रह पर मामले की सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तिथि सुनिश्चित की है। पूर्व सांसद कोर्ट के समक्ष अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती दी है।
इस मामले में मिली जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फूलपुर के पूर्व सांसद तत्कालीन अध्यक्ष जिला पंचायत कौशाम्बी कपिल मुनि करवरिया की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। उन्हें व्यक्तिगत मुचलके व दो प्रतिभूतियों पर रिहा करने का आदेश दिया है। इनके खिलाफ थाना प्रभारी मंझनपुर उदयवीर सिंह ने वर्ष 2004-5 व 2009 में अन्य अभियुक्तों की मिलीभगत से घूस लेने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज की थी। कोर्ट ने कहा है कि शर्तों का पालन न करने पर जमानत निरस्त की जा सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत सिंह ने कपिल मुनि करवरिया की अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है। अर्जी पर अधिवक्ता सुरेश चंद्र द्विवेदी ने बहस की।
इनका कहना था कि याची निर्दोष है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण फंसाया गया है। वह 28 अप्रैल 15 से जेल में बंद हैं। जिला पंचायत कौशाम्बी का अध्यक्ष रहते हुए घूस लेने का कोई साक्ष्य नहीं है। सरकारी अधिवक्ता का कहना था कि षड्यंत्र के तहत भ्रष्टाचार किया गया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन यह नहीं बता सका कि घूस लिया है या भविष्य में घूस लेना तय हुआ था।
केस के गुण-दोष पर न विचार कर कोर्ट ने कहा कि याची जमानत पाने का हकदार हैं। उल्लेखनीय है कि कपिल मुनि करवरिया और उनके दोनों भाई उदय भान व सूरजभान करवरिया जवाहर पंडित हत्याकांड के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। कौशाम्बी जिला पंचायत मामले में दर्ज मुकदमे में उनको जमानत मिली है।
Published on:
01 Apr 2022 01:32 pm
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