ये भी पढ़ें- 13 माह में 25 स्कूलों से 1 करोड़ रुपए कमाने वाली शिक्षिका हुई गिरफ्तार कोर्ट के लिए होगी चुनौती- कोर्ट खुलने से पहले दाखिले के लिए जुटी भीड़ द्वारा सामाजिक एवं शारीरिक डिस्टेन्सिंग का ख्याल नहीं रखा गया। शुक्रवार को जिस तरह से भीड़ दिखी, वह प्रशासन के लिए चुनौती होगी। 8 जून को अनावश्यक रूप से परिसर के बाहर भीड़ बढ़ने के अंदेशे ने शासन की बेचैनी बढ़ी दी है। महीनों बाद कोर्ट खुलने को लेकर उत्साही वकीलों को नियंत्रित करना आसान न होगा।
एल्डर कमेटी के चेयरमैन वरिष्ठ अधिवक्ता वी सी मिश्र, सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता एन सी राजवंशी व बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष आर के ओझा, वरिष्ठ अधिवक्ता ए एन त्रिपाठी, अधिवक्ता समन्वय समिति के अध्यक्ष बी एन सिंह, निर्वाचित अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह, महासचिव प्रभाशंकर मिश्र, जे बी सिंह पूर्व अपर महाधिवक्ता कमल सिंह यादव सहित तमाम अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन के सदस्यों से अपील की है कि बिना काम के वकील हाईकोर्ट न जाएं।
ये भी पढ़ें- अंधविश्वास की पराकाष्ठा, यहां वायरस बना ‘माता का अवतार’, ‘कोरोना माई’ को खुश करने में जुटी महिलाएं कोर्ट के आसपास सभी दुकानें बंद- उधर हाईकोर्ट प्रशासन ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि 65 वर्ष से ऊपर के वकीलों को वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग से ही सुना जाएगा। उन्हें हाईकोर्ट में आने की अनुमति नहीं होगी। हाईकोर्ट के आस-पास की सभी दुकानों को बंद रखने को कहा गया है। यहाँ तक कि वकीलों के चेम्बर्स, कैन्टीन आदि भी बंद रहेंगे। कोर्ट के अंदर केवल वहीं वकील जा सकेगा जिनका केस लगा हो। सीमित कुर्सियां रखी जाएगी। वकील बहस खत्म होते ही कोर्ट परिसर छोड़ देगा।
थूकना होगा अपराध-
हाईकोर्ट परिसर में थूकना व नशा करना अपराध की श्रेणी में रखा गया है। अधिवक्ताओं से कहा गया है कि वे स्वयं सोसल एवं शारीरिक दूरी बनाये रखे। ताकि कोरोना महामारी से जूझते हुए वादकारियों को न्याय दिलाने के दायित्व निभाने की प्रक्रिया चलायी जा सके। निबंधक शिष्टाचार आशीष कुमार श्रीवास्तव ने सभी अधिवक्ताओं से न्यायालय प्रशासन में सहयोग मांगा है।