इलाहाबादPublished: Jan 12, 2018 06:25:40 pm
प्रसून पांडे
अपनी कर्म स्थली पर अंतिम साँस लेना आखिरी इच्छा,
इलाहबाद कथाकार साहित्यकार कवि उपन्यासकार आलोचक सम्पादक हिंदी के मूर्धन्य विद्वान महादेवी निराला और पंथ के स्नेहपात्र कलमगार दूधनाथ सिंह नहीं रहे। प्रख्यात साहित्यकार दूधनाथ सिंह ने बीती आधी रात कर्म स्थली इलाहाबाद में आखिरी सांस ली। दूधनाथ सिंह के निधन की खबर मिलते ही साहित्य प्रेमियों और जानने वाले स्तब्ध रह गये ।साहित्य जगत और उनको जानने वाले उनको पढ़ने वाले और सुनने वालों की पूरी जमात हैरान रह गई।दूधनाथ लंबे समय से बीमार थे उन्हें कैंसर थाए बीते दिनों दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था। एक हफ्ते पहले वह अपने करीबी व पुत्र की तरह उनके साथ रहने वाले सुधीर सिंह से कहा कि मेरी आखिरी इच्छा है कि मैं इलाहाबाद में अंतिम सांस लू।देर रात उनके निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास शहर के झूसी के प्रतिष्ठान पुरी कॉलोनी में ले जाया गया। जहां पर उनकी मिलने वाले उनको जानने वाले लोगों का तांता लगा रहा।दो बरस पहले उनकी पत्नी का देहांत हो चुका था। उसके बाद से वह अकेले थे। उनके सानिध्य में सुधीर सिंह मानस पुत्र रहा करते थे। दूधनाथ सिंह के बेटे अनिमेष ठाकुर दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है।अंशुमान सिंह आईआईटीयन है। और उनकी बेटी अनुपमा ठाकुर भी मध्य प्रदेश के पद पर कार्यरत हैं।दूधनाथ सिंह का अंतिम रसूलाबाद घाट पर किया।उनक बड़े पुत्र अनिमेष ठाकुर ने उन्हें मुखाग्नि दी।इस दौरान शहर में रहने वाले उनके इष्ट मित्र उनके पाठकए विद्यार्थी उनके सहयोगी और उनके शिष्यों की भीड़ लगी रही।