
UP assembly elections 2022: राजा भैया दोनों बेटों लेकर को लेकर रखते हैं बड़ी ख्वाहिश, जाने क्या बनकर करेंगे पिता का नाम रोशन
प्रयागराज: यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर प्रतापगढ़ कुंडा विधानसभा के विधायक राजा भैया क्षेत्र में चुनाव प्रचार में जुटे हैं। पिता को फिर से विधायक बनाने के लिए क्षेत्र में राजा भैया के दोनों बेटे भी जनता से समर्थन मांग रहे हैं। लेकिन राजा भैया दोनों बेटे को लेकर बहुत बड़ी ख्वाहिश रखते हैं। आइए जानते है प्रतापगढ़ के राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह दोनों बेटों को क्या बनाना चाहतें है। वह भले ही राजनीति में आने में इच्छुक हों, लेकिन राजा भैया बच्चों को लेकर अलग सोच रखते हैं। वह बच्चों से अलग उम्मीद लगाई हैं।
पिता के लिए राजनीति का गुर सीख रहे हैं बेटे
बाहुबली विधायक राजा भैया फिर से कुंडा विधानसभा में सातवीं बार मैदान में कूदे हैं लेकिन इस समय उनके दोनों बेटे सुर्खियों में बने हैं। पिता के लिए विधानसभा क्षेत्र में मजबूती के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हैं। जब पिता ने नामांकन करने गए थे तब दोनों बेटे भी उनके साथ नजर आए थे। उस दौरान जब मीडिया को इंटरव्यू देते समय दोनों बेटों ने पिता की तरह राजनीति में जाने की इच्छा जताई थी और यहां तक यह भी कहा था कि कुंडा के साथ पूरे प्रतापगढ़ के जनता की सेवा करना चाहता हूं। अब बेटे ने अपनी इच्छा बता दी, लेकिन पिता की क्या इच्छा है यह आइए आप को बताते हैं।
राजा भैया के हैं चार बच्चे
बाहुबली विधायक राजा भैया का वर्चस्व आज भी कुंडा विधानसभा में कायम हैं। उनके दो बेटियां और दो बेटे हैं। एक बेटी को घुड़सवारी करना बेहद पसंद है तो दूसरी बेटी शूटिंग में चैंपियन है। बेटियों से दोनों बेटे छोटे हैं, लेकिन पिता राजठाठ और राजनेता के व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हैं। पिता की तरह पूरी पढ़ाई करने के बाद पिता की तरह नेता बनने की इच्छा जाहिर कर दिया है।
बच्चों को लेकर यह ख्वाहिश रखते हैं राजा भैया
प्रतापगढ़ के राजा और कुंडा विधानसभा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया मीडिया इंटरव्यू में बताया था कि वह अपने दोनों बेटों के ऊपर किसी भी तरह से दबाव नहीं बनाते हैं और आगे भी करियर को लेकर दबाव नहीं बनाएंगे। बेटे जिस फील्ड में जाना चाहते हैं वह पूरी तरह से स्वतंत्र है। आगे राजा भैया ख्वाहिश जताते हुए कहा कि अपने एक बेटे को सेना में देखना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि एक बेटा उनका राष्ट्र के लिए समर्पित हो और दूसरा बेटा भी निर्णय ले सकता है। तो वहीं बेटों का कहना था कि उनके पिता के बोलने का तरीका उन्हें बहुत पंसद है। वह कभी नाराज नहीं होते और दूसरे नेताओं की तरह अपशब्द नहीं बोलते है। पिता कार्यों से प्रभावित होकर वह पिता कार्यों को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
Updated on:
13 Feb 2022 12:28 am
Published on:
12 Feb 2022 11:24 pm
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