
अलवर के पहले एसपी सुलतान सिंह
अपराध के लिहाज से क्रिटिकल माने जाने वाले अलवर जिले में पुलिस कप्तानों का आना-जाना लगा रहता है। बीते 76 साल में 55 आईपीएस ने एसपी की कुर्सी पर बैठ कर जिले की कमान संभाली। अब इसे किस्मत कहें या सियासी दखल, इनमें किसी का कार्यकाल लबा तो किसी का छोटा रहा। कानून-व्यवस्था में चूक और सत्ता में बदलाव का असर भी इस पद पर दिखता रहा है। एक मई 1949 को सुलतान सिंह को जिले का पहला एसपी लगाया गया। जिनका कार्यकाल एक साल 11 महीने व 22 दिन का रहा। तीन एसपी ऐसे भी रहे, जिनका कार्यकाल केवल 6 से 15 दिन का रहा।
एक मई 1949 को सुलतान सिंह को जिले का पहला एसपी लगाया गया। जिनका कार्यकाल एक साल 11 महीने व 22 दिन का रहा।
अलवर एसपी रहते हुए विकास कुमार ने कोबरा टीम की शुरुआत की। चुनिंदा पुलिसकर्मियों को आर्मी से तीन महीने की विशेष ट्रेनिंग दिलाई। इनकी वर्दी भी अलग निर्धारित की गई। बाद में इसे क्यूआरटी नाम दिया गया। वर्तमान में प्रदेश के हर जिले में क्यूआरटी काम कर रही है।
आईपीएस राहुल प्रकाश के कार्यकाल के दौरान गोतस्करों व अवैध शराब तस्करों सहित अन्य अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई हुई। रात्रिकालीन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर काफी सुधार हुए।
आईपीएस संजीव नैन के करीब 10 महीने के कार्यकाल के दौरान साइबर अपराधियों पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई। साइबर अपराधियों का गढ़ माने जाने वाले कई गांवों के लोगों ने साइबर अपराध से दूर रहने का संकल्प लिया।
अलवर जिले के वर्तमान पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी की ओर से शुरू किए गए साइबर संग्राम अभियान के तहत साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। अपराधों पर नियंत्रण के लिए अन्य प्रयास भी किए जा रहे हैं।
प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक शान्तनु कुमार 22 अगस्त 1977 से 3 अगस्त 1979 तक अलवर एसपी रहे। पुलिस महानिदेशक के रूप में इनका कार्यकाल सबसे अधिक करीब तीन साल का रहा।
18 अप्रेल 1987 से 26 जुलाई 1989 तक अलवर एसपी रहे मनोज भट्ट भी पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं।
अलवर में एसपी रहे राजेश आर्य राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष हैं। वहीं, दिनेश एम.एन. व बीजू जॉर्ज जोसफ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तथा अजय पाल लांबा व विकास कुमार पुलिस महानिरीक्षक हैं। वर्तमान जयपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश भी अलवर एसपी रह चुके हैं।
आईपीएस मनफूल सिंह पूनिया का कार्यकाल 15 से 30 सितंबर 1993 तक 15 दिन, दिनेश एम.एन. 9 अप्रेल से 22 अप्रेल 2007 तक 13 दिन और संतोष चालके का कार्यकाल 24 से 30 अप्रेल 2012 तक सबसे कम 6 दिन का रहा। जबकि राजेश आर्य सबसे लंबे समय तक 3 साल 2 महीने 11 दिन तक अलवर एसपी रहे। इससे पहले बहादुर सिंह का कार्यकाल भी तीन साल और तीन दिन का रहा।
आईपीएस आर्य 29 जनवरी 2004 से 8 अप्रेल 2007 तक और आईपीएस सिंह 12 मई 1953 से 15 मई 1956 तक अलवर एसपी के पद पर रहे। इसके अलावा तेजस्विनी गौतम अभी तक जिले की पहली महिला पुलिस कप्तान रही हैं। उनका कार्यकाल 6 जुलाई 2020 से 15 फरवरी 2023 तक 2 साल 7 महीने व 9 दिन का रहा। वहीं, अधिकांश पुलिस अधीक्षकों का कार्यकाल कुछ महीनों से लेकर एक से डेढ़ साल तक का रहा।
Updated on:
06 Sept 2025 12:01 pm
Published on:
06 Sept 2025 12:00 pm
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