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सरिस्का में सड़क क्रॉस करती दिखी रस्टी स्पॉटेड दुर्लभ बिल्ली, यह होती है इसकी खासियत 

अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व क्षेत्र में दुर्लभ प्रजाति की रस्टी स्पॉटेड कैट देखी गई है। इसे बिल्ली प्रजाति के सबसे छोटे सदस्यों में से एक माना जाता है।

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फाइल फोटो

अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व क्षेत्र में दुर्लभ प्रजाति की रस्टी स्पॉटेड कैट देखी गई है। इसे बिल्ली प्रजाति के सबसे छोटे सदस्यों में से एक माना जाता है। हाल ही में थानागाजी के प्रतापगढ़ के पास नांगल बनी क्षेत्र में यह दुर्लभ बिल्ली पर्यटकों के कैमरे में कैद हुई है। इसका वीडियो सामने आया है, जो रोड क्रॉस करती हुई दिखाई दे रही है। रस्टी स्पॉटेड कैट को आमतौर पर पॉकेट कैट के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रजाति भारत, नेपाल और श्रीलंका में पाई जाती है। आकार में यह बहुत छोटी होती है। सामान्य घरेलू बिल्ली से इसका आकार काफी छोटा होता है।

सीनियर गाइड विजय सिंह कहते हैं कि सरिस्का में इस प्रजाति का दिखाई देना जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण संकेत है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरिस्का का पारिस्थितिक तंत्र छोटे और दुर्लभ वन्यजीवों के लिए भी अनुकूल बना हुआ है। हालांकि कुछ वर्ष पहले यह बिल्ली देखी गई थी।

वर्ष 2016 में अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संगठन (आईयूसीएन) ने रस्टी स्पॉटेड कैट को रेड लिस्ट में शामिल किया था। इसे कम संवेदनशील लेकिन घटती संख्या वाली प्रजाति की श्रेणी में रखा गया है।

सरिस्का के डीएफओ अभिमन्यू सहारण का कहना है इस बिल्ली के लिए सरिस्का का जंगल अनुकूल है। बिल्ली जंगल में है, लेकिन बहुत कम दिखाई देती है।

आखिरी बार पश्चिम बंगाल में देखी गई

पॉकेट बिल्ली की यह खूबियां
आकार में यह लगभग 35 से 48 सेंटीमीटर लंबी होती है।
वजन 1 से 1.6 किलोग्राम तक होता है।
यह मुख्यत: रात्रिचर प्राणी है और झाड़ियों व घास के बीच रहना पसंद करती है।
छोटी छिपकलियों, पक्षियों और चूहों का शिकार करती है।

भारत में इस बिल्ली की उपस्थिति गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक आदि राज्यों में मिली है। जनवरी 2025 में यह पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के जंगल में कैमरे में ट्रैप हुई थी। वर्ष 2016 में यह नेपाल के शुक्लाफांटा नेशनल पार्क में आखिरी बार देखी गई थी। एक्सपर्ट बताते हैं कि दुनियाभर में इन बिल्लियों की संख्या 10 हजार से कम है।