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3 माह पहले परिजनों ने बिछड़ गया था यह बालक, आधार कार्ड ने परिजनों से मिलवाया

आधार कार्ड ने खोए बच्चे को उसके परिजनों से मिलवा दिया।

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अलवर

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Prem Pathak

Jul 11, 2018

Aadhar card help lost child to meet parents in alwar

3 माह पहले परिजनों ने बिछड़ गया था यह बालक, आधार कार्ड ने परिजनों से मिलवाया

विमंदित बालक जो कि अपनी पहचान नहीं बता पा रहा था, लेकिन आधार कार्ड के माध्यम से उसका अपने परिजनों से मिलना संभव हो सका। विमंदित बालक को मंगलवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रथम राकेश कुमार गढ़वाल ने परिजनों को सौंपा। यह बच्चा अपने परिजनों से बिछुड़ गया था। बहुत खोजने पर भी इसके परिजन नहीं मिल पाए। जब बच्चे की मां उससे मिली तो उसकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वह अपनी खुशी को व्यक्त नहीं कर पा रही थी। उसने बताया कि बच्चे की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी।

24 मार्च 2018 को अलवर रेलवे स्टेशन पर मनीष नामक बच्चा लावारिस हालत में मिला। जिसे जीआरपी थाने ने चाइल्ड लाइन के जरिए धोलीदूब स्थित मानिसक विमंदित पुनर्वास गृह में भेज दिया। संस्था के समन्वयक प्रभाकर शर्मा ने बच्चे का आधार कार्ड बनवाने का प्रयास किया। लेकिन वह नहीं बन पाया। आधार कार्ड नहीं बनने पर जिला आधार परियोजना प्रभारी दिव्य जैन की मदद ली गई। जैन ने बताया कि आधार कार्ड व्यक्ति की अंगुलियों एवं आंखों की रेटिना के आधार पर जारी किया जाता है। एक बार जारी होने के बाद दोबारा जारी नहीं किया जा सकता।

2 अप्रेल 2015 को बच्चे का आधार कार्ड बन चुका था। नामंाकन नंबर के आधार पर जानकारी की तो यह बालक दिल्ली के मंगलापुरी पालम का निवासी निकला। सूचना प्रोद्योगिकी और संचार विभाग के उपनिदेशक चारू अग्रवाल ने बताया कि सभी परिजनों को अपने बच्चों का आधार कार्ड अवश्य ही बनवाना चाहिए। यह भविष्य में कभी भी काम आ सकता है।

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