खा जाता है लीकेज पानी की आपूर्ति के दौरान लीकेज की वजह से हर दिन कई करोड़ लीटर पानी बर्बाद हो जाता है। अकेले अलवर शहर में हर दिन करीब 30 लाख लीटर पानी बर्बाद होता है। अकेले अलवर शहर में गर्मियों के दिनों में 40 लाख लीटर पानी की जरूरत और बढ़ जाती है।
मानक से आधा भी नहीं तय मानक के अनुसार एनसीआर के शहरों में प्रति व्यक्ति 180 लीटर पानी मिलना चाहिए लेकिन जलदाय विभाग थ्री टायर शहर के लिए निर्धारित प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी भी नहीं दे रहा है। शहर की आधी आबादी को 60 लीटर प्रति व्यक्ति पानी भी नहीं मिल रहा है। विभागी अधिकारियों का मानना है कि हालात को देखते हुए 135 लीटर प्रति व्यक्ति पानी देना बेहद मुश्किल है। विभाग औसतन 100 लीटर प्रति व्यक्ति आपूर्ति बता रहा है, लेकिन हकीकत में 50 लीटर प्रति व्यक्ति पानी भी नहीं मिल रहा है।
हालात पर एक नजर शहर में 234 ट्यूबवैल हैं। जिनके जरिए पानी सीधा पाइप लाइन व टंकियों के जरिए पहुंचाया जाता है। इनमें से 20 प्रतिशत से अधिक ट्यूबवैल ऐसे हैं जिनमें पानी कम हो गया है। वैशाली नगर व सूर्य नगर में नए ट्यूबवैल जरूर ठीक पानी उगल रहे हैं।
सिंगल फेज से गड़बड़ाया गणित शहर ही नहीं जिले भर में सिंगल फैज बोरवैल में पानी की कमी है। अनेक ट्यूबवैल सूख चुके हैं। जिससे सिंगल फेज से जुड़े परिवारों को दूसरी जगहों से पानी लाना पड़ रहा है। धित कोई कंटेंट देना है क्या?
अलवर शहर को चाहिए 450 लाख लीटर अलवर शहर में 4.5 लाख की आबादी को करीब 450 लाख लीटर पानी की जरूरत है, लेकिन 320 लाख लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है। जरूरत से करीब 130 लाख लीटर कम पानी मिल रहा है। घरों तक आधा ही पानी पहुंच रहा है। हर दिन पानी को लेकर लोग जिला प्रशासन व जलदाय विभाग के अधिकारियों के सामने रोष व्यक्त कर रहे हैं।
गर्मी के दिनों में कई करोड़ लीटर पानी की खपत बढ़ जाती है। सिंगल फेज बोरवैल सूख रहे हैं। फिर भी अधिक से अधिक पानी देने की कोशिश में जुटे हैं।
आदित्य शर्मा, अधीक्षण अभियंता, पीएचईडी अलवर ।