सरकार के आदेशों के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की खाद्य सुरक्षा टीम ने 2 अक्टूबर को शिकारीबास स्थित मामा सुपारी और इटाराणा इंडस्ट्रियल एरिया स्थित जयन्ती सुपारी की फैक्ट्री पर कार्रवाई की। दोनों के यहां से पैकिंग सुपारी और पैक होने जा रही सुपारी के सेम्पल लिए गए। इसके अगले दिन 3 अक्टूबर को मुंशी बाजार स्थित विमल जैन की फैक्ट्री से सुपारी और केडलगंज स्थित फैक्ट्री से जैन सुपारी का सेम्पल लिया गया, लेकिन फैक्ट्री या स्टॉक सीज नहीं किया गया। इसके बाद विभाग ने एक भी गुटखा व्यवसायी के यहां कार्रवाई नहीं की।
जिले में हर परचून की दुकान और पान-बीड़ी के खोखों पर खुलेआम गुटखा बिक रहा है। अलवर में विभिन्न ब्रांड नाम के अलावा बिना नाम के लाल, पीली, गुलाबी और सफेद आदि पुडिय़ा में गुटखा बड़े स्तर पर बिक रहा है, लेकिन इन पर कार्रवाई के नाम पर जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।
सरकार के आदेशों के बाद अलवर में चार बड़ी फैक्ट्रियों पर कार्रवाई करते हुए सुपारी के सेम्पल लिए गए थे। इन सेम्पलों की जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई। कुछ व्यस्तता के कारण बीच में कार्रवाई नहीं कर पाए थे। जल्द ही गुटखे के खिलाफ जिले में सख्ती से कार्रवाई शुरू की जाएगी।