उस दौरान समाजवादी पार्टी के पं. विशम्भर दयाल शर्मा बहरोड़ वाले व लक्ष्मीचंद बजाज बहरोड़ ने साथियों ने पं. नेहरू के अलवर आगमन पर नारे लगाए एवं काले झंड़े दिखाए। इस कारण उन्हे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पं. नेहरू के अलवर से रवाना होने के बाद उन्हें पुलिस ने छोड़ दिया। राजस्थान के समाजवादी नेता सूर्यनारायण चौधरी ने नेहरू पर दो पुस्तकें लिखी, जिनमें उनकी आलोचना भी की गई। पं. नेहरू के जीवन व कृतित्व पर अनेक पुस्तकें लिखी गई, जिनकी विश्व भर में समीक्षा की गई है। पं. नेहरू के शासन से जिस भारत का निर्माण हुआ, उस पर चर्चा की जाती है।
पं. नेहरू का 1947 से 64 का समय काल याद रहेगा
पं. नेहरू का 1947 से 64 का समय काल याद रहेगा
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के 1947 से 27 मई 1964 का समय काल गौर करने योग्य है। पं. नेहरू स्वतंत्रता आंदोलन के कर्मठ सिपाही रहे। वे लगभग 9 साल जेल में रहे और उन्होंने काफी पुस्तकें उस समय लिखी।
जैसा अलवर के इतिहास के जानकार एडवोकेट हरिशंकर गोयल ने बताया।