अभी तक घर-घर जनसम्पर्क, अब रैली व सभा पर जोर निकाय चुनाव में प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने के बाद वार्डों में मतदाताओं के घर-घर जनसम्पर्क में जुटे थे। हालांकि प्रमुख दलों के ज्यादातर प्रत्याशियों ने अपने चुनाव कार्यालय के उद्घाटन कर लिए हैं, लेकिन प्रचार अभियान में रैली व बड़े नेताओं की वार्डों में सभा अभी कम ही दिखाई दे सकी है। जिले में अब धारा 144 हट चुकी है और प्रचार पर चुनाव आयोग के नियमों की पालना करते हुए अन्य कोई पाबंदी नहीं है। इस कारण प्रत्याशी वार्डों में चुनावी माहौल अपने पक्ष में करने के लिए रैली व सभा जैसे बड़े आयोजन की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
प्रत्याशियों का जोर अब जातीय गणित पर
प्रचार के अंतिम चरण में ज्यादातर प्रत्याशी द्वि- स्तरीय रणनीति पर कार्य कर रहे हैं। इनमें पहली रणनीति घर-घर जनसम्पर्क, कार्यकर्ताओं की रैली व बड़े नेताओं की सभा कराने की है। वहीं दूसरी रणनीति वार्डों में मतदाताओं का जातीय गणित अपने पक्ष में करने की है। इसके लिए प्रत्याशी अपने रिश्तेदारों, मित्रों, समाज के बड़े पदाधिकारियों को वार्डों में बुलाकर जातीय समीकरण अपने पक्ष में करने के लिए प्रयासरत है।
प्रचार के अंतिम चरण में ज्यादातर प्रत्याशी द्वि- स्तरीय रणनीति पर कार्य कर रहे हैं। इनमें पहली रणनीति घर-घर जनसम्पर्क, कार्यकर्ताओं की रैली व बड़े नेताओं की सभा कराने की है। वहीं दूसरी रणनीति वार्डों में मतदाताओं का जातीय गणित अपने पक्ष में करने की है। इसके लिए प्रत्याशी अपने रिश्तेदारों, मित्रों, समाज के बड़े पदाधिकारियों को वार्डों में बुलाकर जातीय समीकरण अपने पक्ष में करने के लिए प्रयासरत है।
रैली व सभा का रहा जोर सोमवार सुबह धारा 144 हटने के बाद अलवर के अनेक वार्डों में प्रत्याशियों ने अपने पक्ष में रैली निकाली। वहीं भाजपा व कांग्रेस के कई नेताओं ने वार्डों में सभा व कार्यालयों का उद्घाटन व बैठकें की। प्रमुख दलों के ज्यादातर नेता दिन भर वार्डों में घूमते दिखाई दिए।