पिछले कई दिनों से लगातार शाम चार बजे बाद ट्रेफिक पुलिस की दो गाडिय़ां स्टेशन के बाहर आकर खड़ी होती है। पुलिसकर्मी गाडिय़ों को स्टेशन के बाहर सिंगल रोड पर सडक़ किनारे आगे-पीछे लगा देते हैं और सडक़ पर खड़े होकर खुलेआम वाहन चालकों से वसूली करते हैं। इस सम्बन्ध में लगातार शिकायतें मिल रही थी। मंगलवार शाम को रेलवे स्टेशन के बाहर कुछ ऐसा ही वाकया दिखाई दिया। वहां पुलिसकर्मी गाडिय़ां लगाकर खड़े थे और होमगार्ड का जवान वाहनों को रोककर उनसे अवैध वसूली कर राशि जेब में डाल रहा था। यह घटनाक्रम करीब 45 मिनट तक जारी रहा। पुलिस की अवैध वसूली के पूरे खेल को कुछ लोगों ने कैमरे में कैद कर लिया।
टारगेट कर वसूली, कार्रवाई नहीं स्टेशन के बाहर खड़े होकर पुलिसकर्मी आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखते हैं। वहां जो कोई व्यक्ति उन्हें ग्रामीण, कम पढ़ा-लिखा या फिर बाहर का नजर आता है उसे झट रोक लेते हैं। उससे गाड़ी के कागजात, लाइसेंस, हेलमेट व सीट बेल्ट आदि के बारे में पूछते हैं। कागजों की पूर्ति नहीं कर पाने पर वाहन चालक को चालान व वाहन जब्ती का भय दिखाते हैं। जब वाहन चालक गिड़गिड़ाने लगता है तो होमगार्ड का जवान वहां आकर उससे सौदेबाजी करता है। फिर होमगार्ड का जवान वाहन चालक से 100, 200 व 500 रुपए वसूलकर अपनी जेब में रख लेता है और वाहन चालक को बिना चालान काटे ही रवाना कर देता है। इस दौरान यहां से बिना हेलमेट, तीन सवारी व बिना नम्बरी सैकड़ों वाहन गुरजते हैं, लेकिन पुलिसकर्मियों का उनसे कोई लेना-देना नहीं होता।
यातायात सुधार पर नहीं ध्यान रेलवे स्टेशन के बाहर सिंगल रोड है जिस पर दोनों तरफ से रोडवेज बस, ट्रक, चौपहिया, तिपहिया व दुपहिया वाहनों का आवागमन रहता है। इसी दौरान कई ट्रेनें भी आती हैं, जिससे स्टेशन के बाहर काफी भीड़भाड़ हो जाती है। एेसे में ट्रैफिक पुलिसकर्मी इसी रोड पर सडक़ किनारे दो गाडि़यां खड़ी कर देते हैं और सडक़ के बीच वाहनों को रोकते रहते हैं। इससे यहां शाम को बार-बार जाम लगता रहता है और वाहन चालक जाम में फंसकर परेशान होते रहते हैं। लेकिन पुलिसकर्मियों का वसूली के आगे ट्रेफिक सुधार पर कोई ध्यान नहीं रहता है। ठीक इसी तरफ से शहर से बहरोड़ और भिवाड़ी रोड पर भी पुलिस की इंटरसेप्टर खड़ी रहती है, जो वाहन चालकों पर कार्रवाई के साथ-साथ अवैध वसूली भी करती है।
तो कुछ सतर्क हो गए मंगलवार शाम को पुलिसकर्मी स्टेशन के बाहर खुलेआम वसूली करते थे। जब कुछ लोग वहां खड़े होकर यह नजारा देखने लगे तो वहां पुलिसकर्मियों को हल्का सा इसका आभास हुआ और वे सतर्क हो गए। काफी देर तक किसी भी वाहन को नहीं रोका और खड़े रहे। बाद में लोग इधर-उधर हो गए और छिपकर पुलिसकर्मियों पर बराबर नजर बनाए रखी। इसके बाद पुलिस की एक गाड़ी रवाना हो गई तथा दूसरी गाड़ी वहीं खड़ी और पुलिसकर्मी फिर वसूली के धंधे में लग गए। वहां से रवाना होकर दूसरी गाड़ी कालीमोरी पर आकर खड़ी हो गई।