scriptपढऩे-लिखने की उम्र में अपराध से रंग रहे हाथ, अलवर में इस उम्र के युवा कर रहे हैं संगीन अपराध | Alwar Youth Criminals Doing Crime In Alwar | Patrika News

पढऩे-लिखने की उम्र में अपराध से रंग रहे हाथ, अलवर में इस उम्र के युवा कर रहे हैं संगीन अपराध

locationअलवरPublished: Jan 15, 2019 05:01:44 pm

Submitted by:

Hiren Joshi

अलवर में युवा अपराध की पढऩे लिखने की उम्र में अपराध की ओर अग्रसर हो रहे हैं। पिछले दिनों अलवर की आपराधिक घटनाओं में युवा शामिल रहे।

Alwar Youth Criminals Doing Crime In Alwar

पढऩे-लिखने की उम्र में अपराध से रंग रहे हाथ, अलवर में इस उम्र के युवा कर रहे हैं संगीन अपराध

अलवर. जिस उम्र में हाथों में किताब और दिमाग में भविष्य की उड़ान के सपने संजोने थे, उसमें गलत संगति ने युवकों को अपराध के दलदल में उतार दिया। महंगे शौक और पैसा कमाने के लालच में अपराध से हाथ रंग लिए और नाम के पीछे जुड़ गया कभी न मिटने वाला दाग अपराधी। अलवर जिले में पिछले कुछ माह में कई संगीन अपराध हुए। जब पुलिस ने इनका खुलासा किया तो इनमें से कई अपराधों को अंजाम देने वाले नई उम्र के अपराधी चेहरे सामने आए।
जल्दी पैसा कमाने का लालच हावी : बिना मेहनत किए अमीर बनने का ख्वाब कई युवाओं को अपराध की ओर धकेल रहा है। पिछली वारदातों में शामिल सभी युवा अपराधियों से पुलिस पूछताछ में एक ही बात निकलकर सामने आई है। जल्दी अधिक पैसा कमाने के लालच में उन्होंने वारदात को अंजाम दिया।
बच्चों की संस्कारवान परवरिश हो

अलवर के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी गुप्ता का कहना है कि बाल्यकाल में जिन बच्चों के अनुभव अच्छे नहीं रहे। जैसे परिवार में झगड़े, नशे और हिंसा की प्रवृत्ति बच्चे को अपराध की तरफ धकेलती हैं। वहीं, युवा अवस्था में दूसरे लोगों को देखकर जल्द धनाड्य बनने की कोशिश भी कई बार गलत रास्ते पर ले जाती है। इससे ये नशे और अपराध की प्रवृत्ति की आदी हो जाते हैं। एक बार जब व्यक्ति नशा या अपराध करता है तो उसे वो काम सहज लगता है और वह उसी लाइन में चलता जाता है। बुरे रास्ते पर चलना आसान होता है। एकल परिवार भी इसके लिए कहीं न कहीं जिम्मेदार हैं। बच्चों की परवरिश बेहतर और संस्कारवान हो इस बात का माता-पिता विशेष ध्यान दें। बच्चों की नाजायज मांगों को पूरा नहीं करें। संयुक्त परिवार में बातचीत से बच्चों से संस्कार अच्छे पड़ते हैं। माता-पिता भी अपने बच्चों का ध्यान रखें।
कब कहां वारदात

केस-एक: 16 सितम्बर 2018 की रात शहर के मोती डूंगरी निवासी व्यापारी मुकेश मित्तल के घर में नकाबपोश बदमाश घुसे। बदमाशों ने हथियार के बल पर व्यापारी मित्तल का अपहरण व 19 लाख रुपए की डकैती डाली। अगले ही दिन व्यापारी को मुक्त कराते हुए पुलिस ने छह बदमाशों को गिरफ्तार किया। वारदात को अंजाम देने वाले सभी बदमाशों की उम्र 21 से 26 साल के बीच थी।
केस-दो: 13 दिसम्बर की देर शाम मनुमार्ग निवासी टैक्स एडवोकेट घनश्यामदास गुप्ता के घर में नकाबपोश हथियारबंद बदमाश घुसे। बदमाशों ने घनश्याम गुप्ता और उनकी पत्नी शिवानी गुप्ता को बंधक बना लाखों की नकदी व जेवरात लूट ले गए। सात दिन बाद पुलिस ने वारदात का खुलासा कर 7 बदमाशों को गिरफ्तार किया। वारदात को अंजाम देने वाले सभी बदमाश 18 से 20 साल की उम्र के है। इनमें से ज्यादातर पढ़ाई कर रहे हैं।
केस-तीन: 9 दिसम्बर 2018 की रात तीन नकाबपोश हथियारबंद बदमाशों ने केन्द्रीय बस स्टैण्ड के मत्स्य नगर कार्यालय में फायरिंग कर करीब 40 लाख रुपए लूटने का प्रयास किया। पुलिस ने करीब एक माह बाद वारदात का खुलाया किया है। प्रकरण में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वारदात में शामिल सभी अपराधी 18 से 26 साल के हैं। इनमें से तीन पढ़ाई कर रहे हैं।
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