पुलिस सूत्रों के अनुसार नगर पालिका उपाध्यक्ष की हत्या में कुछ प्रोपर्टी व्यवसासियों व मीडियाकर्मियों ने भी सहयोग किया। प्रोपर्टी डीलरों ने किराए के शूटरों को देने के लिए दो लाख रुपए का इंतजाम किया। वहीं, कुछ पत्रकारिता के साथ-साथ प्रोपर्टी का व्यवसाय करने वाले कुछ लोगों ने भी अपने व्यवसाय को चमकाने के लिए ठाकरिया को उकसाया।
प्रोपर्टी से शुरू हुआ सफर हत्या पर हुआ खत्म ठाकरिया व पालिका उपाध्यक्ष राकेश शर्मा के बीच मनमुटाव वर्चस्व को लेकर शुरू हुआ। दरअसल, पार्षद त्रिलोक की हत्या के बाद ठाकरिया जेल चला गया। इसके बाद उसके प्रोपर्टी के धंधे को राकेश संभालने लगा। धंधे में ठाकरिया का भी हिस्सा रहता था। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि राकेश ठाकरिया को प्रोपर्टी में हिस्सा देने एवं अब तुम्हारे इतने रुपए हो गए। जैसी बातें तो कहता था, लेकिन ठाकरिया को उसका हिस्सा नहीं देता था।
पालिका चुनावों में ठाकरिया की पत्नी भी चुनाव लड़ी। इस दौरान ठाकरिया ने राकेश से चुनाव में खड़ा नहीं होने एवं उसकी पत्नी को जिताने एवं आर्थिक मदद को कहा। लेकिन राकेश ने ऐसा नहीं किया और वह स्वयं भी चुनाव में खड़ा हो गया और उसकी पत्नी को हराने में भी सहयोग किया। इसके बाद राकेश ने ठाकरिया के जेल से नहीं निकलने का बंदोबस्त शुरू कर दिया। वह त्रिलोक हत्याकांड की मुख्य गवाह पार्षद की मां को गवाही के लिए पे्ररित करने लगा। इससे ठाकरिया को लगा कि अब उसका बाहर निकलना संभव नहीं है। इस पर उसने राकेश की हत्या की साजिश रची।
और भी खुलासे होंगे एसपी राहुल प्रकाश और भिवाड़ी एएसपी सिद्धांत शर्मा ने अशोक ठाकरिया से बहरोड़ थाने में पूछताछ की, जिसमें ठाकरिया ने राकेश की हत्या कराने के लिए हरियाणा के शूटरों का सहारा लेना बताया। पुलिस सोनू को गिरफ्तार करने के लिए प्रयासरत है जिसके पकड़े जाने पर अन्य खुलासे होंगे।