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सुप्रीम कोर्ट में एएसजी को बताना होगा नियमों का क्यों नहीं हुआ पालन

सरिस्का सीटीएच के नए ड्राफ्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी कर साफ कर दिया कि यह ड्राफ्ट कोर्ट मंजूर नहीं करेगा। अब 13 अगस्त को इस पर एडिशनल सॉलीसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी सरकार की ओर से जवाब दाखिल करेंगी।

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सरिस्का सीटीएच के नए ड्राफ्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तीखी टिप्पणी कर साफ कर दिया कि यह ड्राफ्ट कोर्ट मंजूर नहीं करेगा। अब 13 अगस्त को इस पर एडिशनल सॉलीसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी सरकार की ओर से जवाब दाखिल करेंगी। उन्हें बताना होगा कि ड्राफ्ट बनाने से लेकर आगे तक नियमों का पालन क्यों नहीं किया गया। 13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में ग्रीन बेंच बैठेगी।

जवाब दाखिल होने के बाद नए सीटीएच बनाने के आदेश जारी होंगे। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट पारुल शुक्ला का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी के जरिए सभी बातें साफ कर दी हैं। अब केवल एएसजी को सरकार का जवाब दाखिल करना होगा कि उन्होंने कोर्ट की ओर से पूर्व में जारी किए आदेशों की अवहेलना क्यों की?

उन्होंने बताया कि कोर्ट ने ड्राफ्ट में शामिल उन एरिया को देखा जो सीटीएच से हटाए गए। उनके फोटो से साफ हो गया कि वह माइनिंग एरिया है, इसलिए खानों के खुलने का रास्ता बंद हो गया। नए सीटीएच ड्राफ्ट के आदेश 13 तक होने के आसार हैं। इधर, सरिस्का के पूर्व अधिकारी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर सुप्रीम कोर्ट से जिम्मेदार क्यों नहीं डरे। यदि मंशा साफ होती तो सवाल उठने के बाद प्रस्ताव को दोबारा चेक करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। सभी जिम्मेदार अति आत्मविश्वास से लबरेज थे कि कोर्ट में ड्राफ्ट मंजूर हो जाएगा, जबकि ऐसा नहीं हुआ।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरिस्का क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट (सीटीएच) के नए ड्राफ्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आया फैसला ऐतिहासिक है। कोर्ट ने पूरी सरकार की कलई खोल कर रख दी है। भाजपा की मंशा को जाहिर कर दिया है। सरिस्का में एक गिरोह काम कर रहा है, जिसका पर्दाफाश सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया है।