499 रुपए से अधिक पर 14 प्रतिशत टैक्स सामान्य दुकानदार को भी यह पता है कि जूते चप्पल व अन्य सामान पर 499 रुपए से अधिक कीमत अंकित होते ही 14 प्रतिशत टैक्स लगता है। इसके अलावा 75 लाख रुपए के सामान से अधिक मंगाने पर भी शुल्क बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए व्यापारी उत्पाद पर कीमत कम अंकित करवाते हैं। वास्तविक और अंकित कीमत के अंतर की राशि चीनी कम्पनियों को कैश दी जाती है। इसके चलते बड़े पैमाने पर काला धन पैदा हो रहा है।
99 रुपए आरएसपी, बेच रहे 300 रुपए में होपसर्कस का बाजार हो या तिलक मार्केट या फिर कोई दूसरा। दुकानदार आयातित सामान दिखाएगा। उस पर कीमत 99 रुपए आरएसपी (रिटेल सेल प्राइस) लिखी होती है और मांगे 300 रुपए जाएंगे। पूछने पर दुकानदार बताता है कि जीएसटी से बचने के लिए आरएसपी कम लिखवाई जाती है ताकि सरकार को टैक्स कम देना पड़े और आयात पर भी कम शुल्क देना पड़े।
14 का खिलौना 100 से 150 रुपए में खिलौने भी अधिकतर चीन से आते हैं। जिन पर 14, 16, 20, 25 व 30 रुपए कीमत अंकित होती है लेकिन इन्हें 100 से 150 रुपए में बेचा जाता है। गत दिनों होली पर पिचकारी सहित अन्य उत्पाद इसी तरह अधिक कीमत पर बेचे गए। इस जालसाजी से भारत के ग्राहकों को कोई फायदा नहीं है। सिर्फ व्यापारियों का टैक्स बचता है।