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China के कारण GST को लग रहा झटका, साथ ही देश में जमा हो रहा है कालाधन, बड़े स्तर पर हो रहा खेल

locationअलवरPublished: Apr 04, 2019 04:28:30 pm

Submitted by:

Hiren Joshi

देश में जीएसटी चोरी कर चीन का माल बेचा जा रहा है, इससे कालाधन बढ़ रहा है।

Black Money In India Due To GST Theft

China के कारण GST को लग रहा झटका, साथ ही देश में जमा हो रहा है कालाधन, बड़े स्तर पर हो रहा खेल

अलवर. अब चाइनीज उत्पादों के कारण भारत में जीएसटी (गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स) को झटका लगने के साथ ही काला धन भी जमा हो रहा है।

चीन में बने उत्पादों पर जानबूझकर कम कीमत अंकित कर भारत के बाजार में कीमत से तीन से चार गुना दामों में बेचे जा रहे हैं। यह खेल बड़े स्तर से शुरू होकर अब गांव, कस्बों तक पहुंच गया है।
माना जा रहा है कि इसके पीछे कम कीमत अंकित कर आयात शुल्क बचाने और अधिक से अधिक माल भारत में लाकर बेचने की मंशा है। दुकानदार भी खुले आम बता रहे हैं कि चीन से आने वाले माल पर व्यापारी जानबूझकर कम कीमत अंकित कराते हैं ताकि सरकार को कम से कम जीएसटी देना पड़े। इसके साथ ही वे यह भी बताते हैं कि आखिर 69 रुपए की कीमत के जूते 350 रुपए में बेचने का कारण क्या है।
499 रुपए से अधिक पर 14 प्रतिशत टैक्स

सामान्य दुकानदार को भी यह पता है कि जूते चप्पल व अन्य सामान पर 499 रुपए से अधिक कीमत अंकित होते ही 14 प्रतिशत टैक्स लगता है। इसके अलावा 75 लाख रुपए के सामान से अधिक मंगाने पर भी शुल्क बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए व्यापारी उत्पाद पर कीमत कम अंकित करवाते हैं। वास्तविक और अंकित कीमत के अंतर की राशि चीनी कम्पनियों को कैश दी जाती है। इसके चलते बड़े पैमाने पर काला धन पैदा हो रहा है।
99 रुपए आरएसपी, बेच रहे 300 रुपए में

होपसर्कस का बाजार हो या तिलक मार्केट या फिर कोई दूसरा। दुकानदार आयातित सामान दिखाएगा। उस पर कीमत 99 रुपए आरएसपी (रिटेल सेल प्राइस) लिखी होती है और मांगे 300 रुपए जाएंगे। पूछने पर दुकानदार बताता है कि जीएसटी से बचने के लिए आरएसपी कम लिखवाई जाती है ताकि सरकार को टैक्स कम देना पड़े और आयात पर भी कम शुल्क देना पड़े।
14 का खिलौना 100 से 150 रुपए में

खिलौने भी अधिकतर चीन से आते हैं। जिन पर 14, 16, 20, 25 व 30 रुपए कीमत अंकित होती है लेकिन इन्हें 100 से 150 रुपए में बेचा जाता है। गत दिनों होली पर पिचकारी सहित अन्य उत्पाद इसी तरह अधिक कीमत पर बेचे गए। इस जालसाजी से भारत के ग्राहकों को कोई फायदा नहीं है। सिर्फ व्यापारियों का टैक्स बचता है।

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