
टीकाराम जूली। फाइल फोटो- पत्रिका
राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा है कि सरिस्का के महत्वपूर्ण बाघ आवास (सीटीएच) के क्षेत्र को बदलना राज्य सरकार और केंद्र सरकार का बड़ा षडयंत्र है। जूली ने मंगलवार को यहां कहा कि यह एक बहुत बड़ी साजिश है। इससे बाघों का जीवन एक बार फिर खतरे में पड़ जाएगा।
उन्होंने कहा कि एक बड़ा खेल सरिस्का के साथ हुआ है, जो न तो अलवर के हित में है न ही सरिस्का के हित में। यह खान और होटल लॉबी को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। जूली ने कहा कि जब सरिस्का में बाघ खत्म हो गए थे, तब तत्कालीन राजस्थान और केंद्र की कांग्रेस सरकार ने इसे आबाद करने के लिए बाघों का विस्थापन कराया था।
उन्होंने कहा कि अब सरिस्का में काफी संख्या में बाघ मौजूद हैं। अलवर जिले का तीन हिस्सों में विभाजन होने के बाद अलवर में सिर्फ सरिस्का ही आय का स्रोत बना है। पर्यटन के क्षेत्र में भी अलवर के लिए यही बचा है।
जूली ने कहा कि सरिस्का को बचाने के लिए हम जन आंदोलन चलाएंगे। गांव-गांव जाएंगे और इस संपदा को लूटने नहीं देंगे। इसके लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ी जाएगी। सरिस्का को बचाने के लिए किसी भी हद तक आंदोलन किया जा सकता है। नगर निगम में भ्रष्टाचार के सवाल पर उन्होंने कहा कि नगर निगम में इस वक्त बड़ा घोटाला हो रहा है। दुगुनी दरों पर जेसीबी खरीदी जा रही है। तीन सौ करोड़ रुपए की सफाई के टेंडर के प्रयास किए जा रहे हैं।
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पानी की समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि अलवर शहर में चार बार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का विधायक है। दो बार भाजपा की सरकार रही है। दो बार कांग्रेस की सरकार रही है, लेकिन यहां पानी की समस्या बरकरार है। जूली ने कहा कि राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के नाम पर अलवर की जनता को ठगा गया है। मुख्यमंत्री ‘भागीरथ’ बनकर यहां आये थे, लेकिन ईआरसीपी पर अब तक कोई कार्य नहीं हुआ है।
उन्होंने बताया कि इन सभी मामलों को विधानसभा में उठाया जाएगा। अलवर ग्रामीण विधानसभा के सिलीसेढ़ में बोरिंग के सवाल पर जूली ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है। मंत्री संजय शर्मा के लिए अलवर शहर ही नहीं पूरा जिला उनका है। जब विजय मंदिर और जयसमंद में बोरिंग सूख गयी, तो इस झील को क्यों बर्बाद किया जा रहा है।
Published on:
08 Jul 2025 07:45 pm
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