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सरकारी स्कूलों में बच्चों का खाना बर्बाद, शिक्षा विभाग की लापरवाही से मचा हड़कंप

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण तीन दिन में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 1 लाख 62 हजार 738 बच्चों के लिए बना खाना बर्बाद होने का मामला सामने आते ही शिक्षा विभाग में हडकंप मच गया।

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क्यूआरजी फाउंडेशन की ओर से तैयार किया जा रहा खाना (फोटो - पत्रिका)

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण तीन दिन में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 1 लाख 62 हजार 738 बच्चों के लिए बना खाना बर्बाद होने का मामला सामने आते ही शिक्षा विभाग में हडकंप मच गया। विभाग के अधिकारियों ने अपने बचाव में रविवार को छुट्टी के दिन ही आनन-फानन तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार की और जिला कलक्टर के बिना मांगे उन्हें ई-मेल पर भेज दी। यहां बड़ा सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि क्या जिला कलक्टर गरीब बच्चों के निवाले को डंपिंग यार्ड तक पहुंचाने वालों पर सख्त एक्शन लेंगी या नहीं?

उल्लेखनीय है कि 7 सितंबर के अंक में अलवर पत्रिका ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि भारी बारिश की चेतावनी के बाद जिला कलक्टर आर्तिका शुक्ला ने गत 29 जुलाई, 31 जुलाई और 25 अगस्त का स्कूलों में अवकाश घोषित किया था। स्कूलों में अवकाश की सूचना सीएसआर फंड के तहत मिड-डे मील का भोजन तैयार करने वाले हैवेल्स कंपनी के क्यूआरजी फाउंडेशन को नहीं दी गई।

सूचना देने का जिम्मा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का था। इनकी लापरवाही के कारण जो खाना गरीब बच्चों तक पहुंचना था, उसे डंपिंग यार्ड में फेंक दिया गया। यह फाउंडेशन प्रतिदिन 54 हजार 246 बच्चों के लिए खाना अलवर में तैयार करता है और अलवर, रामगढ़, उमरैण, मालाखेड़ा, लक्ष्मणगढ़, गोविन्दगढ़ और किशनगढ़बास ब्लॉक के कुल 461 सरकारी स्कूलों में 30 अलग-अलग वाहनों से भिजवाता है।

खुद को बचाने के लिए अपनाया यह रास्ता

शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रविवार सुबह राजस्थान पत्रिका में जैसे ही खबर प्रकाशित हुई, उच्चाधिकारियों ने जयपुर और बीकानेर में बैठे उच्चाधिकारियों से फोन पर मार्गदर्शन मांग लिया। उनके निर्देश पर यह तय हुआ कि सोमवार (8 सितंबर) को जिला कलक्टर इस मामले में रिपोर्ट मांगें या उन्हें तलब करें, उससे पहले ही जिला कलक्टर को ई-मेल पर तथ्यात्मक रिपोर्ट भिजवा दी जाए।

इसके बाद अलवर जिला मुख्यालय पर तैनात विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में यह रिपोर्ट तैयार की और जिला कलक्टर को उनके ई-मेल पर भेज दी। बताया जा रहा है कि इस तथ्यात्मक रिपोर्ट में शिक्षा विभाग के अफसरों ने खाने की इस बर्बादी के लिए सीधे तौर पर हैवेल्स कंपनी के क्यूआरजी फाउंडेशन को जिम्मेदार ठहराया है।

मामला गंभीर है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से भेजी गई तथ्यात्मक रिपोर्ट को देखकर सोमवार को इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। - आर्तिका शुक्ला, जिला कलक्टर