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चालाक बघेरा: बकरे-मेमने बांधे,बघेरा आया लेकिन पिंजरा देख लौट गया, अब इस तरीके से पकड़ने की तैयारी

wildlife rescue operation: झाडि़यों के पास लगाए गए तीनों पिंजरों के पास बुधवार की रात करीब 8 बजे बघेरा नजर आया था। उसने पिंजरे में बंधे बकरे, मेमने को देखा। एक पिंजरे पर पैर भी रखा लेकिन कुछ देर बाद रुककर आगे बढ़ गया।

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अलवर

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Rajesh Dixit

Dec 27, 2024

Leopard Attack: राजनांदगांव में तेंदुए का आतंक! गाय को नोंच-नोंचकर मार डाला, ग्रामीणों में दहशत

जयपुर। राजस्थान के वन मंत्री के शहर में पिछले 25 दिन से बघेरा खुले में घूम रहा है। वन विभाग के अधिकारियों ने एड़ी-चोटी तक का जोर लगा लिया है, लेकिन बघेरा अभी तक हाथ नहीं लगा है। ऐसे में वनमंत्री के शहर अलवर में दहशत का माहौल है। इधर बघेरे को पकड़ने के लिए तीन जाल बिछाए गए हैं। ताकि उसे खुले में लाकर पकड़ा जा सके।

आखिर कहां गया बघेरा

बघेरा 25 दिन से वन विभाग को दका रहा है। लोगों में बढ़ते भय को देखते हुए आखिर वन मंत्री संजय शर्मा खुद अलवर शहर के आरआर कॉलेज परिसर पहुंच गए। उन्होंने बघेरा पकड़ने की तैयारियों को परखा। मंत्री ने वन विभाग के अफसरों को निर्देश दिए कि इसे किसी तरह खुले में लाया जाए और ट्रेंकुलाइज करें ताकि जनता का डर खत्म हो।

अब बघेरे को खुले में लाकर ट्रेंकुलाइज करने की तैयारी

आरआर कॉलेज परिसर की झाडि़यों के पास लगाए गए तीनों पिंजरों के पास बुधवार की रात करीब 8 बजे बघेरा नजर आया था। उसने पिंजरे में बंधे बकरे, मेमने को देखा। एक पिंजरे पर पैर भी रखा लेकिन कुछ देर बाद रुककर आगे बढ़ गया। उसका मूवमेंट खेत के अलावा निजी होटल के पास खेल मैदान में नजर आया है। वन मंत्री के निर्देश के बाद अब वन विभाग बघेरे को ट्रेंकुलाइज करने के लिए रास्ता खोज रहा है।

अब वन विभाग ने अपनाई यह रणनीति

बघेरे ने जिस जानवर का शिकार किया है, उस शिकार को खुले में वन विभाग लाकर रखेगा ताकि बघेरा ढूंढता हुआ खुले में आए और ट्रेंकुलाइज किया जा सके। यह कार्य भी आसान नहीं है। क्योंकि बघेरे की ओर से शिकार किया हुआ जानवर वही होता है जहां बघेरा आराम करता है। दिन में बघेरा वहीं बैठता है। रात को बाहर निकलता है।