नगर परिषद ने करीब 10 लाख रुपए की लागत से सब्जीमण्डी व दिल्ली दरवाजा के बाहर भूमिगत कचरा पात्र लगवाए हैं। जिसकी विशेषता यह है कि पूरा कचरा जमीन के अन्दर रहता है। बाहर से केवल कचरा डालने की जगह है। जमीन के अन्दर कचरा रहने से कचरे से न बदबू आती है न फैलता है। जब इसे खाली करना होता है तो मशीन से जमीन के अन्दर के हिस्से को बाहर निकालकर कचरा खाली कर लिया जाता है। नगर परिषद ने शुरूआत में दो कचरा पात्र लगाकर इसकी शुरूआत की है। कुछ समय इनकी उपयोगिता देखने के बाद आगे और लगाने की तैयारी है।
अधिकारियों को जानकारी नहीं कचरा पात्र के ऊपर सीसीटीवी कैमरे भी लगा रखे हैं। फिर भी नगर परिषद के अधिकारियों को यह जानकारी नहीं है कि कचरा पात्र खराब पड़े हैं। जबकि पिछले करीब दस दिनों से कचरा सडक़ों पर ही डाला जा रहा है।
बाहर फैला कचरा सब्जीमण्डी स्थित कचरा पात्र खराब पड़ा है। बताया जा रहा है कि भूमिगत गुब्बारेनुमा पात्र बीच-बीच में से जला हुआ है। जिसके कारण अब यह कचरा पात्र कोई काम नहीं आ रहा है। लोग कचरा पात्र के भीतर की बजाय बाहर ही कचरा डालने लगे हैं। जिसके कारण आसपास गंदगी रहने लगी है।
तुरंत दिखावाएंगे कचरा पात्र तुरंत दिखावाएंगे। कहीं खराब है तो दुरुस्त कराया जाएगा। अभी दो जगहों पर ही ये कचरा पात्र लगे हैं। यह सही है कि सीसीटीवी कैमरे भी कचरा पात्रों की देखरेख के उद्देश्य से ही लगवाए गए हैं।
-दिनेश चन्द, सीएसआई, नगर परिषद अलवर