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अलवर जिले में धूल भरी आंधी और बारिश से पेड़-पौधों धराशायी, विद्युत पोल भी गिरे 

जिले में गुरुवार दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट ली। पश्चिम दिशा से तेज गति से आई धूल भरी आंधी ने जहां एक ओर पेड़-पौधों को धराशायी कर दिया, वहीं विद्युत पोलों को भी गिरा दिया

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दोपहर में धूल भरी आंधी चली

अलवर जिले में गुरुवार दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट ली। पश्चिम दिशा से तेज गति से आई धूल भरी आंधी ने जहां एक ओर पेड़-पौधों को धराशायी कर दिया, वहीं विद्युत पोलों को भी गिरा दिया, जिससे कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई और जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया।

मालाखेड़ा और आसपास के ग्रामीण इलाकों जैसे परसा का बास, चांद पहाड़ी, सिया का बास, धर्मपुरा, इंदौर कुशलगढ़, माधोगढ़, नटनी का बारा, बिजवाड़ नरूका, श्याम गंगा आदि में इस अचानक आए मौसम बदलाव ने भारी नुकसान पहुंचाया। कई जगहों पर टीन शेड उड़ गए और खेतों में काम कर रहे किसान भी आंधी-बारिश से प्रभावित हुए।


ग्रामीणों के अनुसार, करीब दोपहर 1 बजे से मौसम ने करवट लेनी शुरू की। आसमान में काले बादल छा गए और उसके बाद तेज गति से हवाएं चलने लगीं। इस झक्कड़ के चलते कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए और बिजली के खंभे गिर गए। जंगलों में भी पशु-पक्षी इस प्राकृतिक प्रकोप की चपेट में आ गए।

किसानों ने बताया कि मई महीने की भीषण गर्मी के बीच इस आंधी और बारिश ने जरूर राहत दी है। स्थानीय किसान भगत सिंह, पदम चंद, रतिराम, तोताराम, अमर सिंह, ईश्वर सिंह और बलराम ने बताया कि इस महीने के "जेठ दोगड़ा" की यह बारिश काफी लाभकारी मानी जा रही है। इससे गर्मी से राहत तो मिली ही है, साथ ही अब आषाढ़ की बुवाई की तैयारी भी शुरू हो जाएगी।

गौरतलब है कि मई माह में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से पार चला गया था और भीषण गर्मी लोगों को परेशान कर रही थी। हालांकि, बीते कुछ दिनों में बादल छाने और हल्की बारिश की घटनाओं ने मौसम को कुछ हद तक संतुलित किया है। अब महीने के अंतिम दिनों में आई इस तेज बारिश ने लोगों को गर्मी से काफी राहत पहुंचाई है, हालांकि आंधी और तेज हवाओं ने व्यापक नुकसान भी पहुंचाया है।

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