जिले के दस विधानसभा क्षेत्रों में भाग्य आजमा रहे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतगणना पूरी होने के साथ हो गया। मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हुई और दोपहर करीब साढ़े तीन बजे तक चली। मतणगना के प्रारंभ में सभी विधानसभा क्षेत्रों के पोस्टल बेलेट की गिनती की गई। वहीं करीब 9 बजे ईवीएम की गिनती शुरू हुई। सुबह करीब 9.30 बजे विधानसभा क्षेत्रों के रुझान आना शुरू हो गए। वहीं दोपहर करीब साढ़े बारह बजे पहला परिणाम आ गया। अंतिम परिणाम दोपहर साढ़े तीन बजे आया।
ईवीएम खुली तो बदलती गई राजनीतिक तस्वीर ईवीएम खुलने के साथ ही जिले की राजनीतिक तस्वीर भी बदलती गई। शुरुआती रुझानों में भाजपा जिले में बढ़त बनाती दिखी, लेकिन दोपहर होते-होते भाजपा की बढ़त कम होती गई। अंतिम परिणाम तक भाजपा केवल दो सीटों पर सिमट गई। इनमें अलवर शहर एवं मुण्डावर की सीट शामिल है। शुरुआती दौर में तिजारा, किशनगढ़बास, कठूमर, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, बहरोड़ सीटों पर भी भाजपा प्रत्याशियों ने बढ़त बनाई, लेकिन यह बढ़त ज्यादा देर टिक नहीं पाई।
शुरुआती रुझानों ने कांग्रेस की तय कर दी बढ़त मतगणना शुरू होने के साथ ही कांग्रेस की बढ़त भी तय होती गई। अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी टीकाराम जूली पहले दौर से ही बढ़त बनाने में कामयाब रहे, वहीं बानूसर में भी कांग्रेस प्रत्याशी शकुंतला रावत की बढ़त बरकरार रही। वहीं राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से पहले दौर में 102 वोटों से पिछडऩे के बाद कांग्रेस ने बढ़त बनाना शुरू किया जो कि अंतिम दौर तक यथावत रही। वहीं कठूमर विधानसभा क्षेत्र से शुरुआती दौर में कांग्रेस व भाजपा में शह मात का खेल चला, लेकिन बाद में कांग्रेस बढ़त बनाने में सफल रही।
दोपहर होते ही चला बसपा का जादू शुरुआती दौर में पिछडऩे के बाद होते ही बसपा का जादू चलने लगा, पहले किशनगढ़बास सीट पर बसपा के दीपचंद खैरिया ने बढ़त बनाई जो अंत तक कायम रही। बाद में तिजारा में बसपा के संदीप यादव ने बढ़त बनाना शुरू किया, जो कि जीत में बदली। राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में भी बसपा जीत तो दर्ज नहीं कराई पाई, लेकिन अपना प्रभाव छोडऩे में कामयाब रही।
निर्दलीयों ने भी की बराबरी इस बार विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी राष्ट्रीय दल भाजपा व बसपा की बराबरी कर ली। जिले से दो सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों को जीत मिली। इनमें थानागाजी से कांति मीणा व बहरोड़ से बलजीत यादव है। इस बार राष्ट्रीय दल भाजपा व बसपा को भी जिले में दो-दो ही सीटें मिली हैं।
सांसद व विधायक को नसीब नहीं जीत अलवर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद डॉ. करणसिंह यादव व भाजपा विधायक रामहेत सिंह यादव दोनों ही किशनगढ़बास क्षेत्र से चुनाव लड़े, लेकिन दोनों को ही जीत नसीब नहीं हो सकी। वहीं बानसूर से कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत दोबारा विधायक चुनी जाने में सफल रही।
सपा का नहीं खुल सका खाता जिले में बसपा तो खाता खोलने में कामयाब रही, लेकिन सपा अपना खाता नहीं खोल पाई। सपा ने अलवर जिले में तिजारा में फजल हुसैन व बानसूर से मुकेश यादव को उतारा, लेकिन दोनों ही कामयाब नहीं हो सके।