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किसानों ने प्याज के गिरते भाव से आहत होकर ट्रैक्टर से जोती खड़ी फसल, लाखों का नुकसान

अलवर जिले में प्याज की खेती करने वाले किसानों को इस बार काफी नुक्सान हुआ है। प्याज लागत लाखों की लगी, लेकिन मंडियों में प्याज के भाव मुट्ठी भर मिलने से नाराज़ किसानों ने अपनी ही खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया।

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खेत में ट्रैक्टर चलाकर प्याज की फसल नष्ट करता किसान (फोटो - पत्रिका)

अलवर जिले में प्याज की खेती करने वाले किसानों को इस बार काफी नुक्सान हुआ है। प्याज लागत लाखों की लगी, लेकिन मंडियों में प्याज के भाव मुट्ठी भर मिलने से नाराज़ किसानों ने अपनी ही खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया।

बरसात और गिरते भाव की दोहरी मार

किसानों ने बताया कि बरसात के दौरान खेतों में पानी भरने और फसल गलने से भारी नुकसान हुआ। जब फसल मंडी पहुंचने लायक बची, तो खैरथल, अलवर, बड़ोद समेत अन्य मंडियों में प्याज का भाव 3 से 10 रुपये प्रति किलो मिल रहा है, जबकि एक बीघा में 70–80 हजार रुपये तक की लागत आती है। किसानों का कहना है कि इतने कम दामों पर मजदूरों की दिहाड़ी तक नहीं निकल रही।


300 बीघा प्याज की फसल नष्ट

अलावड़ा, चौमा, तिलवाड़, माणकी सहित आसपास के गांवों के किसानों ने लगभग 300 बीघा क्षेत्र में लगी प्याज की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया। किसान अजीज खान, इलीयास, बनीया, इरशाद, जग्गी प्रजापत और अली शेर ने बताया कि कर्ज लेकर फसल बोई थी, लेकिन मौजूदा हालात में इसे काटने से भी घाटा ही होता, इसलिए मजबूरी में खेत जोतना पड़ा।

सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप, MSP की मांग

किसानों ने सरकार पर आय दोगुनी करने के वादे को झूठा करार दिया। उनका कहना है कि जब तक प्याज का भाव 45–50 रुपये प्रति किलो नहीं होगा, तब तक उन्हें राहत नहीं मिलेगी। 40 किलो के कट्टे की कीमत मात्र 200–300 रुपये मिलने से किसान पूरी तरह टूट चुके हैं। किसानों ने प्याज को कृषि जिंसों की सूची में शामिल कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित करने की मांग उठाई है।

गेहूं की बुवाई शुरू, नुकसान की भरपाई पर संकट

फसल नष्ट करने के बाद किसान अब गेहूं की बुवाई की तैयारी में जुटे हैं, लेकिन लाखों के नुकसान की भरपाई कैसे होगी, यह बड़ा सवाल है। किसानों का कहना है कि सरकार जल्द हस्तक्षेप करे, तभी उनकी आर्थिक स्थिति सुधर पाएगी।

राजस्थान किसान मजदूर सभा के प्रदेश संयोजक वीरेंद्र मोर ने कहा कि संगठन सरकार से प्याज का उचित दाम तय करने और किसानों को राहत प्रदान करने की मांग करेगा।