शिशु अस्पताल में बच्चों व उनके परिजनों की खासी भीड़ रहती है। प्रतिदिन 500 से अधिक बच्चे इलाज के लिए आउटडोर में पहुंचते हैं। तो इस समय अस्पताल के वार्ड में मरीजों की भरमार है। एक बेड पर 3 से 4 बच्चे भर्ती हैं। शाम के समय अस्पताल के वार्ड 14 ए में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर लगाते समय अचानक उस के ऊपरी हिस्से से गैस रिसाव होने लगा। सिलेंडर के ऊपरी हिस्सा फट गया। उसका एक हिस्सा वार्ड की छत में जाकर लगा। फटने की आवाज से अस्पताल के वार्ड में भर्ती बच्चे व उनके परिजनों को लगा कि सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया है। इसलिए सभी लोग जान बचाने के लिए बाहर की तरफ भागने लगे। इस दौरान अस्पताल के वार्ड में भगदड़ जैसा माहौल हो गया। कुछ देर बाद हॉस्पिटल के स्टाफ से लोगों को समझाया व मानले की जानकारी दी। उसके बाद मामला शांत हुआ व मरीज वार्ड में आए।
ड्यूटी डॉक्टर के कृपाल सिंह यादव ने बताया कि अचानक ऑक्सीजन खोलते समय सिलेंडर की नोक फट गई थी। उस समय तेज आवाज होने से लोग बाहर की तरफ चले गए थे। लेकिन इस मामले में मरीज व उनके परिजनों को किस तरह की कोई परेशानी नहीं हुई है।
Read More : अन्तरिक्ष प्रदर्शनी को उत्साह से देखा हजारों विद्यार्थियों ने अलवर. छठी मील स्थित मॉडर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड रिसर्च सेन्टर में दो दिवसीय विक्रम साराभाई अंतरिक्ष प्रदर्शनी के दूसरे दिन विद्यार्थियों में उत्साह देखा गया। स्पेस एप्लीकेषन सेन्टर (इसरो) अहमदाबाद की ओर से आयोजित इस प्रदर्शनी के दूसरे दिन अलवर जिले के 35 विद्यालयों के 3000 से अधिक विद्यार्थियों ने इस प्रदर्शनी को देखा। दूसरे दिन के मुख्य अतिथि नगर परिषद अलवर के सभापति अशोक खन्ना थे।
एमआईटीआरसी के 10 विद्यार्थियों का इसरो ने एसएसी व पीआरएल में प्रोजेक्ट्स के लिए चयन किया है तथा 30 विद्यार्थियों का विक्रम साराभाई स्पेस सेन्टर, त्रिवेन्द्रपुरम में साउंडिंग रॉकेट्स के प्रक्षेपण को देखने के लिए चयन किया है। इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी इसरो का अधिक ध्यान रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट्स पर एवं अधिक से अधिक इन्हें प्रक्षेपित करने पर है। हमारा संचार उपग्रह के क्षेत्र में केए बैंड पर संचार करना मुख्य लक्ष्य है। वैज्ञानिकों ने बताया कि एक और लांचिंग पैड बना रहे हैं, जिससे उपग्रहों के प्रक्षेपण की संख्या बढ़ा दी जाएगी। बंगलौर में यूआरएससी में माइक्रो व मिनी उपग्रहों को बनाने का प्रषिक्षण दिया जाता है। एमआईटीआरसी के डायरेक्टर प्रो. एस.के. शर्मा ने आभार जताया।
एमआईटीआरसी के 10 विद्यार्थियों का इसरो ने एसएसी व पीआरएल में प्रोजेक्ट्स के लिए चयन किया है तथा 30 विद्यार्थियों का विक्रम साराभाई स्पेस सेन्टर, त्रिवेन्द्रपुरम में साउंडिंग रॉकेट्स के प्रक्षेपण को देखने के लिए चयन किया है। इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी इसरो का अधिक ध्यान रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट्स पर एवं अधिक से अधिक इन्हें प्रक्षेपित करने पर है। हमारा संचार उपग्रह के क्षेत्र में केए बैंड पर संचार करना मुख्य लक्ष्य है। वैज्ञानिकों ने बताया कि एक और लांचिंग पैड बना रहे हैं, जिससे उपग्रहों के प्रक्षेपण की संख्या बढ़ा दी जाएगी। बंगलौर में यूआरएससी में माइक्रो व मिनी उपग्रहों को बनाने का प्रषिक्षण दिया जाता है। एमआईटीआरसी के डायरेक्टर प्रो. एस.के. शर्मा ने आभार जताया।