प्रशासन पहले कराता तैयारियां भगवान जगन्नाथ मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जिले भर से आते हैं। जिले को लक्खी मेला होने के कारण प्रशासन को समय रहते रथयात्रा मार्ग की मरम्मत कराने की जरूरत थी। अभी रथयात्रा मार्ग में सडक़ पर जगह-जगह गड्ढे बने हैं, मेला स्थल पर कीचड़ जमा है। वहां न पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय की। ऐसे में मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए परेशानी होना तय है। भगवान जगन्नाथ का इंद्रविमान काफी पुराना है, ऐसे में रथयात्रा के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटे, इसके लिए प्रशासन को उपाय करने चाहिए।
नरेन्द्र सिंह राठौड़, पूर्व अलवर रियासत से जुड़े सदस्य
एक पखवाड़े पहले से शहर में होती थी सफाई
अलवर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का हमेशा से महत्व रहा है। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकलने पर घरों में कोई नहीं रहता था, सभी लोग बारात को देखने जाते। जब भगवान जगन्नाथ जानकी को ब्याह कर वापस लौटते थे तो पूरा शहर स्वागत के लिए उमड़ता था। यहीं नजारा अब भी देखने को मिलता है। इस रथयात्रा की एक पखवाड़े पूर्व ही प्रशासन तैयारी करने लगता था। वर्ष 1960 तक रथयात्रा के सडक़ मार्ग को पूरी तरह धोया जाता था। इस समय सडक़ें पूरी तरह साफ सुथरी हुआ करती थी। अब तो सडक़ें सारी टूटी हुई हैं।
मास्टर प्यारे सिंह, इतिहासविद
पन्द्रह दिन पहले होती थी सडक़ों की मरम्मत पूर्व में रथयात्रा से 15 दिन पहले रथयात्रा मार्ग की मरम्मत होती थी। अबकी बार प्रशासन ने समय रहते रथयात्रा व जगन्नाथ मेले की तैयारियों को अंजाम नहीं दिया है। यही कारण है कि रथयात्रा के ज्यादातर मार्ग में सडक़ों पर गड्ढे बने हैं या फिर सडक़ ही घंसी है। भवानीतोप से लेकर जगन्नाथ मंदिर तक मार्ग फिर से बनाया गया है। लेकिन इसमें भी बहुत खामियां है। अलवर में 962 करोड़ की सडक़ें बन रही हैं। बहुत सी टूटी हुई नहीं है। एक दो बरसात के बाद ही सडक़ें धंस गई हैं। ऐसे में मेले में कोई भी हादसा हो सकता है।
एडवोकेट हरिशंकर गोयल इतिहासविद्
पेचवर्क करने से हो सकती है परेशानी
जिले के लक्खी मेले को लेकर प्रशासन इस बार लापरवाही बरत रहा है। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के चलते प्रशासन अब जल्दबाजी में पेचवर्क कर रहा है। जल्दबाजी में किया गया सडक़ का पेचवर्क आगामी समय में परेशानी उत्पन्न कर सकता है। आशंका है कि सडक़ों की जर्जर हालत से जनता की परेशानी के साथ ही पुराने रथ को भी नुकसान पहुंच सकता है। पहले रास्ते में आने वाले पेडों की छटाई होती थी वह भी अभी अधूरी है।। बिजली के तार हटाने का काम भी ढिलाई से किया जा रहा है।
ओमप्रकाश हरितवाल, अलवरवासी