
मंदिर के क्षतिग्रस्त मार्ग को मिट्टी के कट्टों से दुरुस्त किया जा रहा (फोटो - पत्रिका)
अलवर के बाला किला मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से करणी माता मेला न भरने को लेकर आशंकाएं दूर हो गई हैं। प्रशासन ने साफ कर दिया कि मेला 22 सितंबर से एक अक्टूबर तक भरेगा, लेकिन इस बार वाहनों का प्रवेश नहीं हो पाएगा। क्योंकि रास्ते का निर्माण पूरा नहीं होगा। ऐसे में मेलार्थी पैदल ही करणी माता के दर्शन के लिए जाएंगे। हालांकि मेले से दो दिन पहले निर्माणाधीन मार्ग की समीक्षा करते हुए कुछ निर्णयों में बदलाव भी हो सकता है। यह निर्णय एडीएम सिटी बीना महावर की अध्यक्षता में हुई बैठक में हुआ।
करणी माता मेला प्रशासनिक कमेटी के सदस्य लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि मेले की सुरक्षा दीवार सात दिन में कितनी बन जाएगी, इसकी समीक्षा मेले से दो दिन पहले होगी। मेले में दर्शनार्थी पैदल ही आ-जा सकेंगे। क्योंकि वाहनों के जाने का रास्ता अभी तैयार नहीं हुआ है। पैदल यात्री शाम 5.30 बजे तक ही प्रवेश कर पाएंगे, जो सूर्यास्त से पहले नीचे आ जाएंगे। वन विभाग ने भी यही सुझाव बैठक में दिया है। क्योंकि यहां टाइगरों का भी मूवमेंट है। वह रात को विचरण करते हैं। ऐसे में रात को दर्शनार्थियों को जाने की अनुमति नहीं होगी।
करणी माता मेला प्रतापबंध से 4 किमी दूर है। वहीं किशनकुंड मार्ग से 4 किमी रास्ता है। ऐसे में दर्शनार्थियों को पैदल यात्रा में करीब 1 घंटा लगेगा। इतना ही समय वापसी में लगेगा। सदस्य लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि एक समय लोग मेला पैदल ही जाते थे। वाहनों की व्यवस्था बाद में शुरू हुई। मेले में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त होंगे। हमने मांग रखी है कि रात को करणी माता मंदिर तक कोई आ-जा नहीं सकेगा। ऐसे में सोलर लाइट को ही महत्व दिया जाए ताकि जंगल को भी लाभ मिल सके।
भंडारे के आयोजन इस बार नहीं होंगे। पानी की व्यवस्था के लिए सरस डेयरी का टैंकर जाता था, ऐसे में वह भी नहीं जा पाएगा। दर्शनार्थियों के लिए जलदाय विभाग को पानी की व्यवस्था करनी पड़ेगी। मेडिकल टीम ने भी कहा कि वह भी अपना सामान पैदल ऊपर ले जा सकेंगे। हालांकि मेले से दो दिन पहले निर्माणाधीन रास्ते को लेकर समीक्षा के बाद फाइनल निर्णय होगा।
Published on:
13 Sept 2025 12:04 pm
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