ग्रामीण रूटों को बस सेवा से जोडऩे के नाम पर सरकार की ओर से रोडवेज सेवा की तर्ज पर लोक परिवहन बस सेवा शुरू की गई। लोक परिवहन बसों का संचालन शुरू होने से बस संचालकों को तो फायदा मिला, लेकिन यात्रियों को कुछ भी लाभ नहीं मिला है। इसके अलावा रोडवेज का घाटा भी बढ़ा है। अलवर जिले में बहरोड़ और जयपुर मार्ग पर करीब 70 से ज्यादा लोक परिवहन बसें चल रही हैं।
यात्रियों को नहीं मिल रही किराये में छूट रोडवेज की ओर से यात्रियों को कई प्रकार से किरायों में छूट प्रदान की हुई है। रोडवेज बसों में यात्रा करने पर गंभीर रोग से ग्रस्त रोगी, विकलांग, वरिष्ठ नागरिक और महिलाओं आदि को किराये में छूट मिलती है, लेकिन लोक परिवहन बसों में यात्रियों को किराये में कोई छूट नहीं दी जा रही है। जबकि लोक परिवहन बसें रोडवेज के बराबर किराया वसूल रही हैं।
लापरवाही से हादसे, कोई जिम्मेदार नहीं
लापरवाही से हादसे, कोई जिम्मेदार नहीं
लोक परिवहन बसों में यात्रियों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। अप्रशिक्षित चालक लोक परिवहन बसों को दौड़ा रहे हैं, जिसके कारण हादसे हो रहे हैं। पिछले कुछ माह में लोक परिवहन बसों से अलवर में कई हादसे हो चुके हैं। लोक परिवहन बसों से लगातार हो रहे हादसों के बाद भी कोई इसकी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है।
वैध से ज्यादा चल रही अवैध बसें अलवर जिले में मत्स्य नगर आगार में 98, अलवर आगार में 125 और तिजारा आगार में 65 रोडवेज बसें हैं। इसके अलावा 70 से ज्यादा लोक परिवहन बसों का संचालन हो रहा है। विशेष बात यह है कि जिले में वैध से ज्यादा अवैध तरीके से लोक परिवहन बसों का संचालन हो रहा है। सूत्रों के अनुसार एक ही परमिट पर तीन-तीन लोक परिवहन बसें चल रही हैं।
यात्रियों को नहीं मिलती छूट जिले में अलवर से बहरोड़ और जयपुर रूट पर करीब 70 लोक परिवहन बसें चल रही हैं। इन बसों में यात्रियों को रोडवेज बसों की तरह से किराये में कोई छूट प्रदान नहीं की जाती है।
– रामजीलाल मीणा, मुख्य प्रबंधक, मत्स्य नगर आगार।
– रामजीलाल मीणा, मुख्य प्रबंधक, मत्स्य नगर आगार।