
धर्मेन्द्र यादव/अलवर। सरकार में रहते हुए नेता अपने हितों के लिए सरकार को ही चपत लगाने में लगे हैं। अलवर शहर विधायक बनवारीलाल सिंघल की फर्म ने शहर की जमीन को गांव में दिखाकर स्टाम्प शुल्क का 1.4 करोड़ रुपया जेब में रख लिया।
शिकायत के बाद महालेखाकार ने ऑडिट जांच के बाद उप रजिस्ट्रार को अब रिकवरी के आदेश दिए हैं। डीआईजी स्टाम्प में प्रकरण दर्ज हो गया है। अलवर यूआइटी की आवासीय योजना अम्बेडकर नगर में शिक्षा के लिए आरक्षित जमीन का वोकेशनल ट्रस्ट ने 13 जुलाई 2016 को दिव्या इन्फोटेक को बेचान किया।
यह जमीन आवासीय योजना में शिक्षा के उद्देश्य से छोड़ी हुई है। वोकेशनल ट्रस्ट के नाम कुल 27 हजार वर्ग मीटर में से करीब 10 हजार वर्गमीटर जमीन को दिव्या इन्फोटेक ने करीब 3 करोड़ रुपए में खरीद लिया। इस 10 हजार वर्गमीटर जमीन की रजिस्ट्री कराई तो जमीन को शहर की आवासीय योजना की बजाय देवखेड़ा गांव में सिंचित जमीन बताया गया।
ये हैं दिव्या इन्फोटेक के पार्टनर
दिव्या इन्फोटेक में शहर विधायक बनवारी लाल सिंघल 20 प्रतिशत, विधायक की पत्नी विपिनलता 20 प्रतिशत, विधायक पुत्र धु्रव जैन 20 प्रतिशत, विधायक के भाई राजेश सिंघल 20 प्रतिशत के पार्टनर हैं। इनके अलावा महेन्द्र कुमार जैन 15 प्रतिशत व निर्मला जैन 5 प्रतिशत के पार्टनर हैं।
जांच में पकड़ में आया
महालेखाकार के स्तर पर ऑडिट जांच में यह पकड़ में आया है। 1.4 करोड़ रुपए की रिकवरी के लिए दिव्या इन्फोटेक को सूचना भेज दी है। प्रकरण डीआईजी स्टाम्प दर्ज हो गया है।
-सुरेश कुमार, उप रजिस्ट्रार, अलवर द्वितीय
मेरी जानकारी में नहीं
मेरी जानकारी में नहीं है। इस मामले में मेरे भाई राजेश सिंघल से बात कर लो। मेरे नाम से नोटिस आया है क्या? दिव्या इन्फोटेक के और भी पार्टनर हैं उनसे बात कर लो।
-बनवारी लाल सिंघल, शहर विधायक, अलवर
Updated on:
27 Jun 2018 02:14 pm
Published on:
27 Jun 2018 02:13 pm
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