26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

New District In Rajasthan: नए जिलों के गठन ने अलवर का बिगाड़ा भौगोलिक गणित, छिना औद्योगिक क्षेत्र

New District In Rajasthan: राज्य सरकार की ओर से नए जिलों के गठन से अलवर जिले का भौगोलिक गणित ही बदल गया है। अलवर की राजनीति में लंबे समय तक मुखर रहा राठ क्षेत्र अब कोटपूतली- बहरोड़ ,खैरथल का हिस्सा होगा।

2 min read
Google source verification

अलवर

image

Kirti Verma

Aug 05, 2023

photo_6228812334781020550_x.jpg


अलवर. New District In Rajasthan: राज्य सरकार की ओर से नए जिलों के गठन से अलवर जिले का भौगोलिक गणित ही बदल गया है। अलवर की राजनीति में लंबे समय तक मुखर रहा राठ क्षेत्र अब कोटपूतली- बहरोड़ खैरथल का हिस्सा होगा। अलवर अब मेवात, मीणावाटी तक सिमट कर गया है।

अलवर जिले को तीन हिस्सों में बांटा गया है। इसमें कोटपूतली- बहरोड़ को नया जिला बनाया गया है। यह क्षेत्र राठ क्षेत्र के रूप में पहचान रखता है। इसमें बहरोड़, नीमराणा, मांढण, किशनगढ़बास, मुण्डावर व बानसूर क्षेत्र रहा है। यहां की संस्कृति पर हरियाणा का प्रभाव होने से बोलचाल व खानपान भी अलग ही रहा है। लंबे समय राजनीतिक रूप से सुदृढ़ राठ अब अलवर की पहचान के बजाय नए जिले कोटपूतली- बहरोड़ को प्रदेश में पहचान दिलाएगा।

यह भी पढ़ें : Rajasthan New Districts: राजस्थान में अब होंगे 50 जिले, यहां देखें जिलों की पूरी लिस्ट

मेवात का हिस्सा भी अलवर से हटेगा
अलवर जिले में मेवात का क्षेत्र काफी लंबा रहा है। तिजारा, किशनगढ़बास आदि मेवात का क्षेत्र अब नए जिले खैरथल- तिजारा का भाग होगा। हालांकि मेवात का काफी हिस्सा अभी अलवर जिले में ही बचा है।

अलवर के हिस्से मीणावाटी और मेवात
अलवर जिले में मीणावाटी, मेवात का क्षेत्र बचा है। वहीं औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अलवर में एमआइए व राजगढ़ में मिनरल उद्योग बचा है। अलवर जिले में रामगढ़, उमरैण, मालाखेड़ा, राजगढ़, लक्ष्मणगढ़, गोविंदगढ़ मेवात क्षेत्र तथा राजगढ़, थानागाजी, रैणी, लक्ष्मणगढ़ मीणावाटी क्षेत्र बचा है।

अर्थ व्यवस्था में बादशाहत होगी कम
भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र की बदौलत अलवर जिला प्रदेश की अर्थ व्यवस्था में दूसरे नम्बर पर माना जाता था, लेकिन अब भिवाड़ी, खैरथल आदि औद्योगिक शहर अलवर जिले के हिस्सा नहीं रहेंगे। इस कारण अलवर की प्रदेश की अर्थ व्यवस्था में बादशाहत कम होगी। अभी तक अलवर जिले की पहचान ऑटोमोबाइल सेक्टर, तेल उद्योग के रूप में होती थी, इसमें भिवाड़ी में ऑटोमोबाइल व खैरथल में तेल मिल व मावा का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। अब ये दोनों क्षेत्र खैरथल- तिजारा जिले के हिस्सा होंगे।

यह भी पढ़ें : New District In Rajasthan: 19 नए जिलों के प्रस्ताव को मंजूरी, किस जिले में होगी कौनसी तहसील, जानिए आप किस जिले में आएंगे

सरिस्का से बनेगी अलवर की पहचान
नए जिलों के गठन के बाद अब अलवर की पहचान पर्यटन हब के रूप में हो सकेगी। इसका कारण है कि अलवर जिले में सरिस्का टाइगर रिजर्व, अजबगढ़ भानगढ़, सिलीसेढ़ आदि पर्यटक स्थल हैं। वहीं कनेक्टिविटी के मामले में अलवर जिला बेहतर स्थिति में है।