इस बैठक में राजस्थान पत्रिका के चेंजमेकर मोहित डूडेजा ने पूर्व में कई बैठकों के बाद अलवर जिले के विकास के एजेंडें के 10 बिंदू सभी के समक्ष रखे। इनका कहना था कि देश में ऐसा हीे कोई जिला होगा जो देश व प्रदेश की राजधानी से बहुत कम दूर है लेकिन यहां के पर्यटन स्थलों का विकास नहीं हो पाया है। यहां बीते वर्षों में तो विकास ही थम गया है। अलवर शहर के हाल ही खराब हैं। एडवोकेट अशोक कुददल का कहना है कि अलवर में शिक्षा व चिकित्सा क्षेत्र में विकास की संभावना है। इसके लिए इन पर फोकस करना होगा।
बैठक में बीएल पब्लिक स्कूल के निदेशक सुनील बिल्खा का कहना था कि अलवर के विकास को रोड मैप ही तैयार नहीं किया गया है। अलवर में विकास की विपुल संभावनाएं हैं जिसको लेकर प्रत्याशियों का विजन होना चाहिए।
शिक्षा विद् सुमन बिल्खा का कहना है कि अलवर के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहे हैं। यहां उच्च शिक्षण संस्थान ऐसे नहीं है जिसमें पढऩे के बाद बेहतर रोजगार मिल सके।
शिक्षा विद् सुमन बिल्खा का कहना है कि अलवर के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहे हैं। यहां उच्च शिक्षण संस्थान ऐसे नहीं है जिसमें पढऩे के बाद बेहतर रोजगार मिल सके।
वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद मलिक का कहना है कि अलवर के विकास को तभी गति मिल सकेगी।एडवोकेट गौरव शर्मा ने कहा कि सभी प्रत्याशियों से हम उनके विजन के बारे में सवाल-जवाब करेंगे। इस अवसर पर रोटरी क्लब के नीरज जैन का कहना है कि अलवर जिले में पर्यटन व उद्योगों के विकास पर ध्यान देना होगा। हमारा अलवर सभी दृष्टि से बेहतर है लेकिन यहां रोजगार के साधनों का अभाव है। शिक्षाविद् रामावतार पंडित का कहना है कि अलवर जिले में विकास की राह में युवाओं को आगे आना होगा।
हैल्पिंग हैंड के कोर्डिनेटर दीपक शर्मा का कहना है कि अलवर जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण कई दशक पीछे हो गया है। इसमें पूर्व श्रम अधिकारी बीएल वर्मा ने कहा कि अब लोगों की जागरुकता आवश्यक है। एडवोकेट सुशीला राठौड़ कहती है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी व्यापक प्रबंधन किए जाए। इस अवसर पर हैल्पिंग हैंड के दिनेश गुर्जर तथा चेंजमेकर सुनीता शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए।