पायल के परिजनों ने बताया कि पायल 2012 से बाल विवाह और बाल श्रम जैसी कुरितियों से लड़ाई लड़ रही है, लेकिन ना तो प्रशासन का कोई अधिकारी और ना ही जन प्रतिनिधि ने उसकी सुध ली। पायल के पिता पप्पूराम का कहना है कि सरकार बाल विवाह और बाल श्रम जैसी कुरितियों को समाप्त करने के अभियान चलाती है, पायल बाल ट्रस्ट आश्रम के साथ कई सालों से बाल श्रम और बाल विवाह क खिलाफ कार्य कर रही है, लेकिन वे आज तक मिलने नहीं पहुंचे। अवार्ड मिलने के बाद भी पायल के कार्यों के संदर्भ में किसी ने नहीं पूछा।
पायल की उपलब्धियों से प्रशासन रहा बेखबर! पायल की उपलबिधयों से जिला प्रशासन बेखबर रहा। पायल को चेंजमेकर अवार्ड मिलने के बाद थानागाजी के उपखण्ड अधिकारी अमित कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि पायल से मेरी कभी मुलाकात हीं हुई। एसडीएम ने कहा कि मुझे अवार्ड मिलने के बाद ही पायल के बारे में पता चला। इसके बाद पायल के पिता से बात की। फोन पर भी उपखण्ड अधिकारी ने पायल के पिता से इतना ही पूछा कि आप ही पायल के पिता हैं। पत्रिका ने जब एसडीएम से पायल के बारे मे जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि मैं कुछ माह पूर्व ही यहां आया हूं, आप पूर्व एसडीएम से पता कर सकते हैं।
इसके बाद जब थानागाजी के पूर्व उपखण्ड अधिकारी कैलाश चंद शर्मा से संपंर्क किया तो उन्होंने कहा कि कौन पायल? फिर उन्हें पायल की उपलब्धियों व कार्य की जानकारी दी। उन्होंने जवाब दिया कि इससे पहले इस मामले की जानकारी उनके पास नहीं आई।
केवल संस्था कर रही मदद पायल के परिजनों ने बताया कि आज तक ना ही उनसे प्रशासन के किसी अधिकारी ने संपर्क किया और ना ही जनप्रतिनिधि ने। आश्रम से जुड़े लोगों के साथ मिलकर ही पायल ग्रामीणों में जागरुकता ला रही है।