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अलवर में दो दिन से पार्षदों की कराई जा रही है बाड़ेबंदी, सभापति को हटाने के लिए इतने पार्षदों की है जरूरत

locationअलवरPublished: Dec 29, 2018 10:16:15 am

Submitted by:

Hiren Joshi

अलवर नगर परिषद के पार्षदों की ओर से सभापति को हटाने की तैयारी की जा रही है।

Preparation Of No Confidence motion Against Nagar Parishad Chairman

अलवर में दो दिन से पार्षदों की कराई जा रही है बाड़ेबंदी, सभापति को हटाने के लिए इतने पार्षदों की है जरूरत

अलवर. नगर परिषद अलवर के सभापति की कुर्सी तीन चौथाई के फेर में अटकी है। प्रदेश में सरकार बदलते ही नगर परिषद सभापति का चेहरा बदलने की जोर आजमाइश खुले मैदान में आ चुकी है। लगातार दो दिन कलक्ट्रेट में अविश्वास प्रस्ताव लेकर पहुंचे पार्षदों को वापस लौटना पड़ा। पहले दिन जिला कलक्टर नहीं मिले तो दूसरे दिन तीन चौथाई पार्षदों का चक्कर पड़ गया। नगर पालिका एक्ट में 2017 के संशोधन के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव के लिए तीन चौथाई पार्षदों की जरूरत होती है। जबकि पहले केवल एक चौथाई पार्षद अविश्वास प्रस्ताव दे सकते थे।
इस संशोधन की जानकारी नहीं होने के कारण शुक्रवार को पार्षद कलक्ट्रेट पहुंच गए। वहां जाने के बाद उनको एक्ट में संशोधन के बाद अब तीन चौथाई पार्षदों की जरूरत बताई। एक चौथाई में केवल 17 पार्षदों की जरूरत होती है। जबकि तीन चौथाई में 38 पार्षद चाहिए। जिसके कारण कलक्ट्रेट पहुंचे पार्षद वापस लौट गए। कुछ पार्षदों ने कहा कि तीन चौथाई पार्षद भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए तैयार हैं। उन्होंने कुछ घण्टे बाद वापस आने की बात कही। लेकिन शुक्रवार को देर शाम तक उनका तीन चौथाई का गणित नहीं बैठ सका।
मुकेश सैनी कर रहे प्रयास

अविश्वास प्रस्ताव के लिए कांग्रेस के पार्षद मुकेश सैनी प्रयास कर रहे हैं। पार्षदों को एकजुट करने में लगे हैं। उनके साथ निर्दलीय के अलावा भाजपा व कांग्रेस दोनों के पार्षद हैं। इस गणित को बैठाने के लिए कांग्रेस के कुछ नेता कई दिनों से लगे हुए हैं।
एक्ट में संशोधन के अनुसार 38 पार्षद चाहिए

पिछली भाजपा सरकार ने नगर पालिका एक्ट में 2017 में संशोधन किया गया है। जिसमें यह प्रावधान कर दिया कि सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तभी लाया जा सकता है जब तीन चौथाई पार्षद तैयार हों। जबक इससे पहले एक चौथाई पार्षद का नियम था।
पहले दिन अधिकारियों को भी जानकारी नहीं

एक्ट में संशोधन की पहले दिन अधिकारियों को भी जानकारी नहीं थी। शुक्रवार को कलक्ट्रेट में पार्षदों के पहुंचने तक उनकी कुछ अधिकारियों से बात होती रही लेकिन, जब बाद में संशोधित एक्ट को देखा तो पता चला कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए भी तीन चौथाई पार्षदों के हस्ताक्षर चाहिए।
दो दिन से बाड़ेबंदी

नगर परिषद पार्षदों की दो दिन से बाड़ेबंदी हो रही है। शुक्रवार को अवश्विास प्रस्ताव पेश नहीं होने के
बाद पार्षदों को अलवर जिले की सीमा से बाहर भेज दिया।
उधर, सभापति अपनी कुर्सी बचाने के लिए शहर विधायक के बराबर सम्पर्क में हैं। उन्होंने भी पार्षदों के साथ बैठक की। हालांकि सभापति का कहना है कि अब हमारे को 17 की नहीं बल्कि 13 पार्षदों की ही जरूरत है। इससे अधिक संख्या हमारे पास है।

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