अलवर। नगर परिषद अलवर (वर्तमान नगर निगम) के पूर्व कमिश्नर फतेह सिंह मीणा का विवादों से नाता रहा। उन्हें दबंगई पसंद थी। यही कारण था कि चूड़ी मार्केट का अतिक्रमण हटाने पर वे व्यापारियों के राडार पर आए। जमकर विरोध हुआ। इसके अलावा पार्षदों से भी विवाद होते रहे। एक पार्षद की ओर से उन पर केस दर्ज कराने की नौबत आ गई। हालांकि बाद में मामला शांत हो गया।
मार्च 2019 में फतेह सिंह मीणा ने यहां कमिश्नर का कार्यभार ग्रहण किया था, जो करीब डेढ़ साल तक बने रहे। उन्होंने चूड़ी मार्केट में अतिक्रमण हटाना शुरू किया। उसी समय आरोप लगे कि उन्होंने पक्षपात किया है। कई लोगों का अतिक्रमण छोड़ दिया और कई का गिरा दिया। विरोध काफी हुआ। उसके बाद निवर्तमान पार्षद रमेश सैनी से भी कामों को लेकर उनके वार्ड में तनातनी हो गई।
हाथापाई की नौबत आ गई। उन पर केस भी दर्ज कराने की तैयारी थी, लेकिन मामला सुलझा दिया गया। इसके अलावा शहर की लाइटें ग्रामीण इलाकों में लगाने को लेकर भी वह चर्चा में आए। शहर की पूंजी गांव में क्यों खर्च की जा रही थी, इसका जवाब पूर्व पार्षदों को नहीं दिया गया। कुछ पूर्व पार्षदों का कहना है कि वह अपने को सिंघम समझते थे। मनमानी व दबंगई पसंद थी।
बता दें कि नगर निगम बनने से पूर्व अलवर नगर परिषद में अधिशाषी अधिकारी (ईओ) रह चुके फतेहसिंह मीणा आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में फंस गए हैं। वर्तमान में वे कोटपूतली-बहरोड़ जिले की पावटा-प्रागपुरा नगर पालिका के ईओ हैं। मंगलवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की अलग-अलग टीमों ने मीणा के 12 ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की।
बताया जा रहा है सर्च के दौरान एसीबी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति में निवेश की जानकारी भी सामने आई है। एसीबी को ईओ फतेह सिंह मीणा द्वारा राजकीय सेवा में रहते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी। जिसके सत्यापन में राजकीय सेवा में नियुक्त होने से अब तक आय से 273 प्रतिशत से अधिक संपत्ति अर्जित करना सामने आया है। इसके बाद आरोपी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया गया है।
Updated on:
18 Jun 2025 08:37 pm
Published on:
18 Jun 2025 08:33 pm