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मुद्दे की बात छोड़ो, हाथ जोड़ो, सिर झुकाओ और आगे बढ़ जाओ, कुछ इस तरह प्रचार कर रहे अलवर में प्रत्याशी

locationअलवरPublished: Dec 01, 2018 10:47:21 am

Submitted by:

Hiren Joshi

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Rajasthan Election : Alwar Candidates Forgot Main Issues In Campaign

मुद्दे की बात छोड़ो, हाथ जोड़ो, सिर झुकाओ और आगे बढ़ जाओ, कुछ इस तरह प्रचार कर रहे अलवर में प्रत्याशी

विधानसभा चुनावाों में सभी प्रत्याशियों ने प्रचार तेज कर दिया है। अपने विधानसभा क्षेत्र की गली और मोहल्लों तक प्रत्याशी पहुंच रहे हैं। प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं लेकिन अधिकतर प्रत्याशी जनता की समस्याओं की बात नही कर रहे हैं। स्थिति यह है कि प्रत्याशी ढोल नंगाडों के साथ जुलूस के रूप में आते हैं और वोट मांग कर चले जाते हैं। पत्रिका टीम ने शहर के सभी कॉलोनियों व मोहल्लों में देखा कि प्रत्याशी जन समस्याओं पर कोई बात नहीं कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि प्रत्याशी समस्याओं पर कोई बात नहीं कर रहे हैं।
अवैध खनन पर हो प्रभावी रोक

जिले में दो दशक से ज्यादा समय से अवैध खनन सबसे बड़ा मुद्दा रहा है, लेकिन हर बार चुनाव आते ही इस पर चुप्पी साध ली जाती है। इस बार भी विधानसभा चुनाव में अवैध खनन को चहुंओर चुप्पी का आलम है। कोई भी राजनीतिक दल का उम्मीदवार एवं अन्य प्रत्याशी अवैध खनन की चर्चा तक करने को तैयार नहीं है। बल्कि कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं को तो खुलेआम यह तक कहने में भी गुरेज नहीं कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी यहां ट्रोले व ट्रैक्टर सिर्फ हमारी वजह से चल रहे हैं।
घटता जल स्तर, कैसे सुधरे

अलवर जिले में जल स्तर निरन्तर नीचे घटता जा रहा है। पूरा जिला डार्क जोन में है, जिसके चलते नए टयूबवैलों के लगाने पर भी रोक लगी हुई है। अलवर जिले में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए कई वर्षों से चम्बल का पानी लाने की योजना पर कार्य चल रहा है जिसका काम कई दशकों बाद भी धरातल पर नहीं आ पाया है। चम्बल के पानी आने से जिले में पानी की समस्या का कुछ समाधान हो सकता है लेकिन हर बार यह चुनावी मुद्दा बनकर रह जाता है।
संगीन अपराधों से शर्मसार अलवर

अपराध की दृष्टि से अलवर जिला प्रदेश ही नहीं बल्कि देश-विदेश तक सुर्खियों में बना रहा है। पिछले कुछ सालों में यहां संगीन अपराध तेजी से बढ़ा है। बहरोड़ के पहलू खां हत्याकांड और ललावंडी के रकबर हत्याकांड जैसी मॉब लिंचिंग की घटनाओं से पूरे देश में बवाल मचा रहा। वहीं, शहर के शिवाजी पार्क इलाके में महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर पति और चार बच्चों की हत्या करने तथा शहर के रंगभरियों की गली में पत्नी की हत्या कर शव के टुकड़े करने की घटना से सभी को झकझोर दिया था। इसके अलावा शहर में हत्या, लूट, डकैती, चोरी, ठगी, वाहन चोरी तथा चेन, मोबाइल व पर्स छीनने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। जिन पर पुलिस अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है।
बदहाल मत्स्य औद्योगिक क्षेत्र

अलवर का मत्स्य औद्योगिक क्षेत्र (एमआईए) का जितना विकास होना चाहिए था उतना नहीं हो पाया। यहां फिलहाल करीब 900 छोटी-बड़ी इकाइयां स्थापित हैं। इनमें से करीब 600 इकाइयां चल रही हैं तथा 300 इकाइयां बंद पड़ी है। शुरुआती दौर में यहां कई बड़ी औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई, लेकिन पिछले डेढ़ दशक में इनमें कई बड़ी फैक्ट्रियां बंद भी हो चुकी हैं।
पटरी पार इलाके की समस्या का हो समाधान

अलवर शहर में रेलवे ओवर ब्रिज के पार शहर विकसित हो गया है। कई दशकों से यहां रह रहे लोगों को अभी तक मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। रेलवे ओवर ब्रिज अधिकतर कृषि क्षेत्र में बसी कॉलोनिया हैं, इनमें सरकार ने पट्टे तक जारी कर दिए हैं लेकिन सुविधाओं का विस्तार नहीं किया है। पटरी पार कॉलोनियों के बात करें तो यहां के लोग परिवहन सुविधा, सडक़ व पेयजल जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। यहां की समस्याओं को दो पार्षद जोरदार तरीके से उठाते रहे हैं। यहां की समस्याओं को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं लेकिन समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। जवाहर नगर निवासी रमेश खत्री का कहना है कि पटरी पार की कॉलोनियों में आज तक पेयजल समस्या का स्थाई समाधान नहीं हुआ है।
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